'दोषी भी इंसानों से कम नहीं': कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी पसंद के डॉक्टर से इलाज कराने के लिए दोषी की पैरोल अवधि बढ़ाई
LiveLaw News Network
13 Dec 2021 3:51 PM IST
कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक दोषी की पैरोल छुट्टी दस दिनों के लिए बढ़ा दी है, जिससे उसे अपनी पसंद के डॉक्टर से इलाज कराने की अनुमति मिल गई है।
न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित ने कहा,
"एक रिट कोर्ट मानवीय समस्याओं से आंखें नहीं मूंद सकता है और दोषी भी इंसानों से कम नहीं हैं। केवल इसलिए दोषी को सजा काटने के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है और इस तरह दोषी अपराध बोध से मुक्त हो जाता है।"
जालसाजी के आरोप में जेल में बंद याचिकाकर्ता पंकज ए. पारेक ने अपनी पैरोल छुट्टी बढ़ाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अभियोजन पक्ष ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि याचिकाकर्ता को पहले ही दो अलग-अलग आधारों पर दो बार पैरोल दी जा चुकी है और इसलिए पैरोल और नहीं बढ़ाई जा सकती है।
अदालत ने शुरुआत में पाया कि जिन अपराधों के लिए याचिकाकर्ता को दोषी ठहराया गया था, वे गंभीर प्रकृति के नहीं हैं। इसके अलावा, दो पैरोल लीव उसकी साख की पुष्टि के बाद दी गई थी और उसने पैरोल की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है।
जहां तक चिकित्सा आधार पर पैरोल छुट्टी बढाने की मांग वाली याचिका का संबंध है, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने वास्तव में कुछ बीमारियों का अनुबंध किया है, जैसा कि एक सरकारी अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्ड/प्रमाणपत्र द्वारा प्रमाणित किया गया है।
पीठ ने कहा,
"याचिकाकर्ता अपनी पसंद के डॉक्टरों से चिकित्सा उपचार चाहता है, अगर उसने जेल में इन बीमारियों का अनुबंध किया होता, तो शायद जेल अधिकारियों ने इस तरह के चिकित्सा उपचार की व्यवस्था की होती। जब वह जेल से बाहर होता है तो बीमारियां अनुबंधित होती हैं। पैरोल पर उसकी पसंद के डॉक्टरों की सेवाओं से इनकार करना न्यायसंगत और उचित नहीं होगा।"
याचिकाकर्ता ने यह भी प्रस्तुत किया कि पैरोल पर दोषी द्वारा आनंदित अवधि को कारावास की अवधि में जोड़ा जाएगा और इस प्रकार उसे जेल अवधि की छूट नहीं होगी। कोर्ट को एक अंडरटेकिंग भी दी गई कि याचिकाकर्ता दोबारा पैरोल/फरलो नहीं मांगेगा।
कोर्ट ने अधिकारियों को पैरोल छुट्टी को 10 दिनों के लिए बढ़ाने का निर्देश दिया।
केस का शीर्षक: पंकज ए पारेक बनाम पुलिस महानिरीक्षक
केस नंबर: रिट याचिका संख्या 22184 ऑफ 2021
आदेश की तिथि: 4 दिसंबर, 2021
उपस्थिति: याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट रहमथुल्ला कोठवाल; प्रतिवादियों के लिए एडवोकेट विनोद कुमार एम
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