पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के आरोपी को रुपए ट्रांसफर करने और फोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर गिरफ्तार व्यक्ति की ज़मानत अर्ज़ी खारिज की
Sharafat
17 Jun 2022 9:20 PM IST
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस) के तहत दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाया गया और एक सह-आरोपी के खुलासा करने वाले बयान के आधार पर उसे मामले में गिरफ्तार किया गया था।
जमानत याचिकाकर्ता कृष्ण का मामला यह था कि उसके खिलाफ कोई मज़बूत सबूत नहीं हैं और मामले में शामिल 5 किलो 100 ग्राम अफीम की तस्करी उसके पास से बरामद नहीं हुई है।
जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,
" याचिकाकर्ता के सह-अभियुक्त से भारी मात्रा में मादक पदार्थ बरामद किया गया है। यह सुनवाई के दौरान लिये जाने वाले निर्णय का विषय होगा कि क्या याचिकाकर्ता को उक्त बरामदगी के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। हालांकि, एनडीपीएस एक्ट की धारा 37 के कड़े प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता को नियमित जमानत देना मुझे उचित नहीं लगता। "
अदालत को राज्य के वकील ने यह भी सूचित किया कि याचिकाकर्ता ने अपने सह-आरोपी, अशफाक के खाते में दो-तीन बार 25,000/- रुपये की राशि ट्रांसफर की थी और इसलिए, दोनों के बीच संबंध स्थापित होता है। आगे यह भी बताया गया कि दोनों के बीच कॉल रिकॉर्ड थे और याचिकाकर्ता ने उसका मोबाइल फोन नष्ट कर दिया।
याचिकाकर्ता ने आईपीसी की धारा 201 के साथ एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर में नियमित जमानत देने के लिए सीआरपीसी की धारा 439 के तहत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
करनाल से अंबाला जा रहे ट्रक में अशफाक और इरशाद के पास से मादक पदार्थ बरामद किया गया।
केस टाइटल : कृष्ण बनाम हरियाणा राज्य
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