राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया

LiveLaw News Network

24 March 2022 9:23 AM GMT

  • राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता ने मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया

    पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी एस नलिनी की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ता एम ए मुथलाकन ने याचिका दायर कर मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया है।

    एम.ए. मुथलाकन दक्षिण चेन्नई सेंट्रल कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष हैं। उनके अनुसार, उनकी पैरवी आवश्यक है क्योंकि अन्यथा राज्य सरकार द्वारा कोई वास्तविक और सत्य तथ्य नहीं रखा जाएगा जो जमानत याचिका पर निर्णय लेने के लिए उचित और आवश्यक है।

    मुथलाकन ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या और आरोपियों की गिरफ्तारी और दोषसिद्धि के बाद दोषियों ने पिछले 30 वर्षों में कई याचिकाएं दायर की हैं। आगे कहा कि भारत की आजादी के बाद से किसी भी दोषी ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की तरह कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

    उन्होंने आगे कहा कि लगातार याचिकाओं के माध्यम से दोषियों को पैरोल, सजा को कम करने आदि जैसे आदेश प्राप्त हुए।

    वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अन्य आरोपी ए जी पेरारीवलन को अदालत की विशेष शक्तियों के माध्यम से बिना कारण बताए जमानत देने के आदेश की ओर भी ध्यान आकर्षित करते हैं।

    उन्होंने कहा है कि वर्तमान मामले में दोषी ने कोई उपयुक्त याचिका नहीं दी है जो सीधे दोषसिद्धि के आदेश से जुड़ी हो, इसलिए, उन्हें अन्य आरोपी ए.जी.पेरारीवलन के समान नहीं माना जा सकता है।

    उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हर दूसरे आरोपी/दोषी के लिए बाध्यकारी नहीं है क्योंकि वे एक अलग पायदान पर खड़े हैं।

    उन्होंने कहा कि दोषी केवल किसी अन्य हत्या के मामले के अपराधी नहीं थे, बल्कि उन्हें एक हत्या की साजिश के दोषी के रूप में माना जाना था, जिसका भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और राजनीतिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रभाव है।

    उन्होंने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध में दोषियों की जमानत याचिका पर विचार करने से समाज में गलत संदेश जाता है और यह गलत मिसाल होगी।

    पीठ ने बुधवार को नलिनी की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।

    कोर्ट ने पूछा कि एक दोषी किस प्रावधान के तहत जमानत मांग सकता है।

    अदालत ने कहा था,

    "सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है। हम नहीं हैं। आपको राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था।"

    अब मामले की आगे की सुनवाई गुरुवार को होगी।

    केस का शीर्षक: एस नलिनी बनाम तमिलनाडु राज्य एंड अन्य

    केस नंबर: 2020 का WP 27936 और 2020 का WP(MD) 16658

    Next Story