भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की
Amir Ahmad
14 April 2025 6:53 AM

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने महासचिव डी. राजा के माध्यम से भारत के सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता और वक्फ अधिनियम 1995 में इसके द्वारा डाले गए और हटाए गए प्रावधानों को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की।
यह याचिका 9 अप्रैल को एडवोकेट राम शंकर के माध्यम से दायर की गई।
याचिका में तर्क दिया गया कि वक्फ संशोधन अधिनियम तमिलनाडु में लगभग 50 लाख मुसलमानों और देश के अन्य हिस्सों में 20 करोड़ मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इससे पहले, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के साथ गठबंधन में सीपीआई ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. तमिलनाडु विधानसभा में स्टालिन के समक्ष केंद्र सरकार से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को वापस लेने का आग्रह किया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दस याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, Congress सांसद मोहम्मद जावेद, दिल्ली AAP MLA अमानतुल्ला खान, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, TMC सांसद महुआ मोइत्रा, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, RJD सांसद मनोज झा, एसपी सांसद जिया उर रहमान, TVK नेता और एक्टर विजय आदि याचिकाकर्ताओं में से कुछ हैं।