कूचबिहार जिले के सीतालकुची में सेंट्रल फोर्स द्वारा फायरिंग: कलकत्ता हाईकोर्ट में पश्चिम बंगाल-सीआईडी ने अंतरिम स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की
LiveLaw News Network
12 Nov 2021 4:06 PM IST
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को कूचबिहार जिले के सीतलकुची में 10 अप्रैल, 2021 को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों द्वारा कथित गोलीबारी की जांच पर पश्चिम बंगाल के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा दाखिल अंतरिम स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान सीआईएसएफ की फायरिंग से चार लोगों की मौत हो गई थी।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 तय की और सीआईडी को इस बीच अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया।
कूचबिहार के जिला गुप्तचर निरीक्षक की ओर से दाखिल रिपोर्ट में कहा गया कि सीआईएसएफ के छह जवानों की दोबारा जांच के लिए जांच लंबित है।
यह भी कहा गया है कि सीआईएसएफ कर्मियों ने अनुरोध किया है कि उन्हें मौजूदा COVID-19 महामारी को देखते हुए वर्चुअल मोड के माध्यम से सुनवाई के लिए बुलाया जाए।
कोर्ट ने सुनवाई की पिछली तारीख पर सीआईएफ को एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर फैसला सुनाते हुए जांच की प्रगति पर एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह घटना चुनाव प्रचार के दौरान पुलिस फायरिंग का परिणाम थी।
नतीजतन, मामले की एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी।
पूरा मामला
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की गोलीबारी में सीतालकुची के जोर पाटकी गांव के चार ग्रामीणों की मौत हो गयी और वोट डालने के बाद बाहर आते समय कुछ अज्ञात बदमाशों ने एक व्यक्ति की जान ले ली।
सीतालकुची विधानसभा क्षेत्र के जोरपाटकी में 126/5 पर ग्रामीणों के एक समूह द्वारा कथित रूप से हमला करने के बाद सीआईएसएफ कर्मियों ने गोलियां चलाईं, जहां 10 अप्रैल को पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 के चौथे चरण के लिए मतदान चल रहा था।
पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग ( सीआईडी) ने 16 अप्रैल को मामले की जांच शुरू की।
चुनाव आयोग पहले ही कूचबिहार के सीतालकुर्ची विधानसभा क्षेत्र में गोली चलाने के मामले में सीआईएसएफ को क्लीन चिट दे चुका है और कह चुका है कि गोली चलाना मतदाताओं की जान बचाने के लिए जरूरी हो गया था और यह "आत्मरक्षा" था।
आयोग ने घटना के बाद मतदान केंद्र पर मतदान को भी रद्द कर दिया था और गड़बड़ी की आशंका में राजनेताओं के 72 घंटे के लिए कूचबिहार में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
केस का शीर्षक: अमीनुद्दीन खान बनाम भारत संघ एंड अन्य जुड़े मामले