दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को नाजायज संतान नहीं माना जा सकता, ऐसी संतान अनुकंपा नियुक्ति की हकदार : तेलंगाना हाईकोर्ट

LiveLaw News Network

18 July 2021 9:01 AM GMT

  • दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को नाजायज संतान नहीं माना जा सकता, ऐसी संतान अनुकंपा नियुक्ति की हकदार : तेलंगाना हाईकोर्ट

    Children Born Out Of Second Marriage Cannot Be Treated As Illegitimate Children

    तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर विचार करते हुए कहा कि दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को नाजायज संतान नहीं माना जा सकता। कोर्ट एक ऐसे व्यक्ति की याचिका पर विचार कर रहा था, जिसकी अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन खारिज कर दिया गया था।

    इस मामले में एक अर्पुला के अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह एक नाजायज संतान है और वह दूसरी शादी से पैदा हुआ था और उसके पिता ने उसकी मां से शादी करने के लिए अपनी पहली पत्नी से पूर्व अनुमति नहीं ली थी।

    अनुकंपा नियुक्ति के आवेदन को खारिज किए जाने को चुनौती देते हुए अर्पुला ने उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका दायर करते हुए कहा कि यह अस्वीकृति आदेश भारत संघ और अन्य बनाम वी.आर. त्रिपाठी (Union Of India And Anr. vs V.R. Tripathi) के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विपरित है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनुकंपा नियुक्ति योजना के लाभ से दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को वंचित नहीं किया जा सकता।

    इस याचिका का विरोध करते हुए प्राधिकरण ने दलील दी कि दूसरी पत्नी के बच्चों को वैध संतान का दर्जा नहीं मिलता। आगे यह तर्क दिया गया कि प्रत्येक अनुकंपा नियुक्ति केवल नियोक्ता की स्कीम के अनुसार ही की जानी चाहिए।

    "निश्चित रूप से प्रतिवादियों ने अनुकंपा नियुक्ति की स्कीम के बारे में दस्तावेज़ नहीं दिए हैं, जिसमें यह उल्लेख हो कि दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे अनुकंपा नियुक्ति के हकदार नहीं हैं।"

    न्यायमूर्ति अभिनंद कुमार शाविली ने देखा,

    " याचिकाकर्ता के लिए पेश विद्वान वकील ने सही तर्क दिया है कि भारत संघ और अन्य बनाम वी.आर. त्रिपाठी (Union Of India And Anr. vs V.R. Tripathi) के मामले में सुप्रीम कोर्ट इन सभी मुद्दों पर विचार किया है और माना है कि दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चों को नाजायज संतान नहीं माना जा सकता, इसलिए, प्रतिवादियों द्वारा 24.04.2018 को पारित आदेश खारिज किया जाता है।"

    इस प्रकार अदालत ने प्राधिकरण को भारत संघ और अन्य बनाम वी.आर. त्रिपाठी में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून को ध्यान में रखते हुए अनुकंपा नियुक्ति के लिए याचिकाकर्ता के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया।

    केस: अर्पुला गणेश बनाम तेलंगाना राज्य [2019 का WP 26926]

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