सीमा पर तनाव के बीच वादियों, न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने अमृतसर जिला कोर्ट को जारी किए निर्देश
Amir Ahmad
9 May 2025 11:41 AM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने चीफ जस्टिस के निर्देश पर 8 मई को अमृतसर के जिला जज को आम जनता वकीलों वादियों, कर्मचारियों और न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश जारी किए।
निर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं:
अमृतसर मुख्यालय और अजनाला में उप-मंडल न्यायालयों को जनता के प्रवेश के लिए अस्थायी रूप से बंद किया जाए, ताकि लोगों की आवाजाही सीमित रहे और इन्हें 09.05.2025 से 14.05.2025 तक चार दिनों की अवधि के लिए प्रतिबंधित तरीके से चलाया जाए।
उक्त अवधि के दौरान आम जनता, वकीलों, मंत्रालयिक कर्मचारियों, न्यायिक अधिकारियों और अन्य सभी संबंधितों का प्रवेश न्यूनतम तक सीमित रखा जाए।
उप-मंडल बाबा बकाला साहिब में न्यायालयों का कामकाज नियमित तरीके से जारी रहेगा।
मौजूदा स्थिति में वकीलों और वादियों की सुविधा के लिए तथा न्याय के हित में उक्त अवधि के दौरान जिला एवं सेशन जज, अमृतसर, सिविल जज (सीनियर डिवीज़न), मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला मुख्यालय पर तथा उप-मंडल अजनाला में एसडीजेएम/एसीजेएसडी की पूर्व अनुमति से केवल अत्यावश्यक मामलों अर्थात जमानत आवेदन, स्थगन आवेदन या किसी अन्य अत्यावश्यक मामले को दाखिल करने की अनुमति दी जाए।
सेशन कोर्ट के लिए अत्यावश्यक मामलों की मार्किंग जिला एवं सेशन जज द्वारा की जाएगी। इसके अलावा, अधीनस्थ न्यायालयों के लिए अत्यावश्यक सिविल मामलों की मार्किंग सिविल जज (सीनियर डिवीज़न), अमृतसर द्वारा की जाएगी तथा अधीनस्थ न्यायालयों के लिए अत्यावश्यक आपराधिक मामलों की मार्किंग मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अमृतसर द्वारा की जाएगी। इसी प्रकार, उप-मंडल अजनाला में अत्यावश्यक मामलों की मार्किंग उक्त अवधि के दौरान एसडीजेएम/एसीजेएसडी, अजनाला द्वारा की जाएगी।
सुरक्षित सॉफ्टवेयर के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई की अनुमति दी जाए। यानी विडियो, वेबएक्स, लाइफसाइज आदि। हालांकि, किसी भी प्लेटफॉर्म की तकनीकी विफलता के मामले में सुविधानुसार 'व्हाट्सएप', 'जूम और 'गूगल डुओ' वीडियो कॉलिंग के माध्यम से सुनवाई की जा सकती है। लंबित मामलों को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया जाए।
उक्त अवधि के दौरान पुलिस/न्यायिक हिरासत से आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश करने की अनुमति केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मोड के माध्यम से दी जाए।
न्यायालयों से जुड़े शत-प्रतिशत कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति से छूट दी जाए और प्रत्येक संबंधित न्यायालयों के केवल 50% कर्मचारी रोटेशन के आधार पर ड्यूटी पर उपस्थित होंगे।
न्यायालयों के अस्थायी बंद होने के दौरान न्यायालयों में ड्यूटी पर न आने वाले कर्मचारी घर से काम करेंगे और स्टेशन नहीं छोड़ेंगे। जब भी उनकी सेवाओं की आवश्यकता होगी, वे तुरंत उपलब्ध होंगे।
10.05.2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत की बेंचों का आयोजन स्थगित किया जाए।
ईमेल के साथ-साथ फाइलिंग मोड के माध्यम से भी अत्यावश्यक मामलों को दाखिल करने की अनुमति दी जाए। उक्त अवधि के दौरान भौतिक माध्यम से अत्यावश्यक मामलों को दाखिल करने की समयावधि प्रातः 11.00 बजे से अपराह्न 02.30 बजे तक सीमित रहेगी।