एंट्रेंस एग्जाम छोड़ने वाले लॉ स्टूडेंट की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने लगाया 5,000 का जुर्माना
Amir Ahmad
5 Aug 2025 4:09 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक लॉ स्टूडेंट द्वारा दायर याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह "कानून में असंगत" है। उक्त याचिका में स्टूडेंट ने एंट्रेंस एग्जाम में शामिल न होने के बावजूद दाखिले की मांग की थी। याचिका खारिज करने के साथ ही कोर्ट स्टूडेंट पर 5,000 का जुर्माना भी लगाया।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस यशवीर सिंह राठौर की खंडपीठ ने कहा,
"यह प्रार्थना कानून में असंगत है। किसी भी कल्पना के आधार पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।"
एक बीए एलएलबी (ऑनर्स) के इच्छुक स्टूडेंट ने हरियाणा के चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि पहले एंट्रेंस एग्जाम 2-3 जुलाई को होनी थी लेकिन इसे स्थगित कर 16 जुलाई को आयोजित किया गया।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने अच्छे विश्वास में कार्य किया और नियमित रूप से आधिकारिक अपडेट की जांच करता रहा। यूनिवर्सिटी ने समय पर एसएमएस, ईमेल या वेबसाइट पर कोई सूचना जारी नहीं की, जिससे उसे परीक्षा में शामिल होने का उचित अवसर नहीं मिल सका।
इसलिए उसने अपने मामले पर विचार करने या उसके लिए अलग एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करने की मांग की।
इस दावे को खारिज करते हुए हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट दीपक बल्यान ने कहा कि नई तिथि की सूचना यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर विधिवत प्रकाशित की गई थी और याचिकाकर्ता ही परीक्षा में उपस्थित नहीं हुआ। अतः परीक्षा दिए बिना प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
दोनों पक्षकारों की दलीलों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता परीक्षा में शामिल नहीं हुआ। इसलिए कोई राहत नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि यह याचिका अदालत का समय बर्बाद करने के लिए दायर की गई और इसे 5,000 के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है।
केस टाइटल: नमन शर्मा बनाम राज्य हरियाणा

