लोक अभियोजक के कम मानदेय संंबंंधित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
18 Jun 2020 1:15 PM GMT

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे दुर्ग के अधिवक्ता सुदर्शन महलवार ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लोक अभियोजक /शासकीय अभिभाषक को मिल रहे नाम मात्र के मानदेय के खिलाफ याचिका लगाई, जिस पर अदालत ने नोटिस जारी कर राज्य से जवाब मांगा है।
शासकीय अभिभाषक /लोक अभियोजक के मानदेय को लेकर उच्च न्यायालय के समक्ष पहली बार याचिका दायर की गई। अधिवक्ता शाल्विक तिवारी , शुभम वर्मा एवं अश्विन पणिक्कर के माध्यम से यह याचिका दायर की गई है।
इस याचिका पर यह तर्क किया गया कि
" शासकीय अभिभाषक / लोक अभियोजक को नाम मात्र का पारिश्रमिक मिलता है जो की किसी अन्य सरकारी विभाग के तृतीया श्रेणी के कर्मचारियों के बराबर है। वही दूसरी तरफ विशेष लोक अभियोजक को हर पेशी के तक़रीबन रुपए 20,000 /- तक मानदेय मिलता है तथा लोक अभियोजन अधिकारीयों को प्रतिमाह 90,000 /- तक वेतन प्राप्त होता है, जबकि कार्यभार शासकीय अभिभाषक पर ज़्यादा होता है।"
याचिका में आगे कहा गया है कि इस तरह राज्य सरकार का यह कृत्य भारत के संविधान के सामान कार्य के लिए सामान वेतन के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करता है और ऐसे में शासकीय अभिभाषकों से बेहतर काम की अपेक्षा नहीं की जा सकती, जिससे राज्य की न्याय वितरण प्रणाली की दक्षता पर सीधा प्रभाव पड़ता है।