केंद्र ने मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरण करने की अधिसूचना जारी की
LiveLaw News Network
15 Nov 2021 11:17 PM IST
केंद्र सरकार ने सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी के मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरण को अधिसूचित किया। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 16 सितंबर 2021 को आयोजित अपनी बैठक में न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी।
इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा गया कि
"भारत के संविधान के अनुच्छेद 222 के खंड (I) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी को स्थानांतरित करते हैं और उन्हें मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालने का निर्देश देने के लिए निर्देशित करते हैं।"
हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक प्रैक्टिशनर वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश, एनवी रमना और कॉलेजियम के अन्य चार सदस्यों को पत्र लिखकर सीजे बनर्जी को स्थानांतरित करने के आकस्मिक निर्णय पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है।
मद्रास हाईकोर्ट के 200 से अधिक अधिवक्ताओं ने जस्टिस बनर्जी के ट्रांसफर के मुद्दे पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमाना और कॉलेजियम के अन्य चार सदस्यों पत्र लिखा है। मद्रास बार एसोसिएशन ने भी एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से जस्टिस बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिशों पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया है।
जस्टिस संजीव बनर्जी को मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के फैसले पर 'गहरी चिंता और निराशा' व्यक्त करते हुए न्यायिक जवाबदेही और सुधार के लिए अभियान (सीजेएआर) ने कॉलेजियम के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
अपने आधिकारिक बयान में सीजेएआर ने कहा है कि स्थानांतरण के लिए किसी भी भौतिक औचित्य के अभाव में एक प्रतिकूल निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि जस्टिस बनर्जी को किसी कारण से "दंडित" किया जा रहा है। हालांकि, बयान में कहा गया है कि यह कॉलेजियम की मंशा नहीं हो सकती है।
सीजेआर ने यह भी नोट किया कि मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बनर्जी का रिकॉर्ड अनुकरणीय रहा है। यह ध्यान देते हुए कि जस्टिस बनर्जी को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव 16 सितंबर, 2021 को दिया गया था, जबकि उसे 9 नवंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया था, सीजेएआर ने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध कराए गए समय पर तर्कसंगत निर्णय की अनुपस्थिति का भी सवाल उठाया।