सात दिनों की सीबीआई हिरासत के बाद, दिल्ली कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा
Sharafat
6 March 2023 2:46 PM IST
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दायर मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सीबीआई के वकील के यह कहने के बाद आदेश पारित किया कि वे फिलहाल उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग नहीं कर रहे हैं, लेकिन अगले 15 दिनों में फिर से उनकी हिरासत की मांग कर सकते हैं।
अदालत ने कहा,
"न्यायिक हिरासत के लिए आवेदन दायर किया गया है। सबमिशन है कि पुलिस हिरासत इस समय के लिए आवश्यक नहीं है और यदि आवश्यक हो तो बाद में मांगी जा सकती है। किए गए सबमिशन के मद्देनजर [सिसोदिया] को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।"
इस बीच अदालत ने जेल के अंदर चश्मा, भगवत गीता, डायरी और कलम रखने की सिसोदिया की अर्जी मंजूर कर ली। जेल अधीक्षक को सिसोदिया के विपासना (ध्यान) कक्ष में रखने के अनुरोध पर विचार करने का भी निर्देश दिया गया है।
सिसोदिया को सीबीआई अधिकारियों द्वारा आयोजित एमएलसी में निर्धारित दवाएं लेने की भी अनुमति दी गई है।
सिसोदिया की जमानत अर्जी 10 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
निचली अदालत ने 27 फरवरी को सिसोदिया को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। पिछले हफ्ते शनिवार को उन्हें फिर से दो दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा गया था।
आठ घंटे से ज्यादा की पूछताछ के बाद सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर में उन्हें आरोपी बनाया गया। जांच एजेंसी का मामला है कि वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताएं हुई हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया कि सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने टालमटोल भरे जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग नहीं किया।
सीबीआई ने दूसरे दौर की पूछताछ शुरू की थी। सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ हुई थी। मामले में चार्जशीट 25 नवंबर, 2022 को दायर की गई थी।