कलकत्ता हाईकोर्ट ने COVID-19 रोगियों के इलाज के खर्च, वैक्सीन का आवंटन और उसकी कीमत, पीड़ितों के परिजनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

26 Jun 2021 6:41 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने COVID-19 रोगियों के इलाज के खर्च, वैक्सीन का आवंटन और उसकी कीमत, पीड़ितों के परिजनों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकार से जवाब मांगा

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल (Chief Justice Rajesh Bindal) और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी (Justice Arijit Banerjee) की खंडपीठ जनहित याचिकाओं (PIL) पर सुनवाई कर थी, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की COVID-19 प्रबंधन नीति पर जवाब मांगा गया है।

    याचिका में अदालत से राज्य सरकार को महामारी और आने वाली तीसरी लहर से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए किए गए उपायों पर निर्देश देने की मांग की गई है।

    याचिकाकर्ताओं ने अदालत से राज्य को कई पहल सुनिश्चित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है जिसमें प्राथमिकता समूहों के लिए कुशल टीकाकरण अभियान, COVID उपचार दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति प्रबंधन, निजी स्वास्थ्य सुविधाओं की सस्ती कीमत और कमजोर और वंचित लोगों के लिए मुआवजा योजनाएं शामिल हैं।

    खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं की चिंताओं पर जवाब मांगा है। पीठ ने 16 जून, 2021 के अपने आदेश में पश्चिम बंगाल के महाधिवक्ता से निम्नलिखित मुद्दों पर जवाब मांगा है।

    पश्चिम बंगाल में जनसंख्या का ग्रामीण-शहरी वितरण

    न्यायालय द्वारा राज्य को क्रमशः शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली जनसंख्या के प्रतिशत से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। डेटा में विभिन्न आयु समूहों- 18 से 45 वर्ष, 45 से 60 वर्ष और 60 वर्ष और उससे अधिक के जनसंख्या के प्रतिशत वितरण को निर्दिष्ट करना है।

    टीकाकरण के आंकड़े

    राज्य को अब तक उपलब्ध कराए गए विभिन्न टीकों की शीशियों की संख्या और उक्त शीशियों से कितने लोगों का टीकाकरण किया गया, इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है।

    वकीलों और अदालत के कर्मचारियों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम

    कोर्ट ने आदेश में पूछा कि क्या राज्य सरकार ने अधिवक्ताओं, अधिवक्ताओं के क्लर्कों और अदालत के कर्मचारियों को टीका लगाने के लिए कोई टीकाकरण कार्यक्रम बनाया है। न्याय वितरण प्रणाली को एक सामान्य सरकारी विभाग के रूप में नहीं माना जा सकता क्योंकि न्याय तक पहुंच को कम नहीं किया जा सकता है।

    राज्य द्वारा टीकों की खरीद के संबंध में आंकड़े

    राज्य द्वारा समय-समय पर खरीदे गए टीकों की संख्या और निजी अस्पतालों को राज्य द्वारा आपूर्ति किए गए टीके के प्रतिशत के संबंध में भी डेटा मांगा गया है।

    सरकारी और निजी अस्पतालों में टीकों के आवंटन से संबंधित आंकड़े

    प्रतिवादी को राज्य द्वारा कुल खरीदे गए टीकों में से क्रमशः सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों को आवंटित डोज की संख्या के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। यदि निजी अस्पतालों से कोई राशि वसूल की जाती है तो उसका विवरण भी मांगा गया है।

    वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज देने के बाद COVID-19 संक्रमण की दर

    न्यायालय ने क्रमशः टीकों की पहली और दूसरी डोज देने के बाद भी COVID-19 संक्रमण वाले जनसंख्या के प्रतिशत से संबंधित राज्य से आधिकारिक आंकड़े मांगे हैं।

    निजी अस्पतालों द्वारा टीकाकरण के लिए ली जाने वाली कीमत

    बेंच ने राज्य से पूछा कि क्या निजी अस्पताल लोगों से टीकाकरण के लिए अलग से कीमत वसूल रहे हैं। क्या वैक्सीन की कीमत राज्य सरकार द्वारा तय की गई है या निजी अस्पताल अपने स्वयं से वैक्सीन की कीमत तय करने के लिए स्वतंत्र हैं?

    बुजुर्ग/विकलांग लोगों के लिए टीकाकरण की योजना

    कोर्ट द्वारा राज्य को बुजुर्गों और विकलांग लोगों के साथ-साथ वृद्धाश्रमों में रहने वाले लोगों के लिए टीकाकरण की पहुंच को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई किसी भी योजना के बारे में जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।।

    कमजोर और वंचित लोगों के लिए टीकाकरण योजनाएं

    जांच की मांग की गई है कि क्या राज्य सरकार ने वंचित और कमजोर लोगों के लिए कोई टीकाकरण योजना बनाई है जैसे कि बड़ी श्रम प्रधान औद्योगिक इकाइयों के कर्मचारी, ट्रांसजेंडर, अनाथालयों में रहने वाले बच्चे और यौनकर्मी।

    निजी एम्बुलेंस ऑपरेटरों द्वारा वसूले जाने वाले अत्यधिक शुल्क

    बेंच ने अपने आदेश में कहा कि निजी एम्बुलेंस द्वारा मरीजों और मृतक के परिवारों से ली जाने वाली राशि एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर बहुत शोर-शराबा हो रहा है। परिणामस्वरूप राज्य को यह सूचना प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया कि क्या सरकार और प्रणाली द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं के अत्यधिक कीमत की वसूली पर रोक लगान के लिए निगरानी के लिए कोई निश्चित दरें तय की गई हैं।

    निजी अस्पतालों में COVID-19 जांच के लिए सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क

    कोर्ट ने आदेश में यह भी सवाल किया कि क्या राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में COVID-19 टेस्ट के लिए कोई शुल्क तय किया है।

    टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण

    सरकार से यह जवाब देने के लिए भी कहा गया है कि क्या टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीकरण के लिए कोई तंत्र मौजूद है।

    विभिन्न अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के संबंध में जानकारी

    राज्य को यह भी जवाब देने के लिए निर्देशित किया गया है कि क्या कोई तंत्र मौजूद है जिसके माध्यम से जनता विभिन्न अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की उपलब्धता के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकती है।

    निजी अस्पतालों में COVID-19 रोगियों के इलाज के खर्च

    राज्य को निजी स्वास्थ्य सुविधाओं में COVID-19 रोगियों के उपचार की दर से संबंधित किसी भी दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।

    फ्रंटलाइन वर्कर्स की मौत से संबंधित डेटा

    कोर्ट ने राज्य को COVID19 के कारण फ्रंटलाइन वर्कर्स और सरकारी अधिकारियों की मौत के संबंध में डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और यह भी पूछा कि क्या उनके परिवार वाले मौजूदा टर्मिनल लाभों के अलावा किसी विशेष योजना या लाभ के लिए पात्र होंगे।

    COVID19 पीड़ितों के परिवारों के लिए कल्याणकारी योजना

    कोर्ट ने राज्य को COVID19 पीड़ितों के परिवारों, विशेषकर उन परिवारों को, जिन्होंने कमाने वालों को खो दिया है, वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किसी भी कल्याणकारी योजना की शुरुआत के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए निर्देशित किया है।

    चिकित्सा अपशिष्ट के निपटान की प्रणाली

    कोर्ट ने आदेश में राज्य सरकार को विभिन्न सार्वजनिक स्थानों जैसे सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, हवाई अड्डों, मॉल और अन्य जगहों पर महामारी के कारण उत्पन्न चिकित्सा कचरे के निपटान की प्रणाली के बारे में विवरण प्रदान करने का भी निर्देश दिया है।

    राज्य के महाधिवक्ता ने 21 जून, 2021 को न्यायालय से स्थगन की मांग करने के बाद उपरोक्त शिकायतों पर जवाब देने के लिए 30 जून, 2021 तक का समय मांगा है।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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