कलकत्ता हाईकोर्ट ने आगामी नगरपालिका चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार और एसईसी से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

7 Feb 2022 12:15 PM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने आगामी नगरपालिका चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार और एसईसी से जवाब मांगा

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार से आगामी पश्चिम बंगाल नगरपालिका चुनावों के दौरान केंद्रीय संसदीय बलों की तैनाती की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर जवाब मांगा।

    सिलीगुड़ी, बिधाननगर, आसनसोल और चंद्रनगर के चार नगर निगमों के चुनाव 12 फरवरी, 2022 को होने हैं। इन चुनावों के परिणाम 14 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।

    हाईकोर्ट ने कुछ हफ़्ते पहले COVID-19 संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए इन चार नगर निगमों के चुनाव को निर्देश पर स्थगित दिया था।

    चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजराशी भारद्वाज की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील को याचिका की एक प्रति महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी को देने का निर्देश दिया। पीठ ने राज्य चुनाव आयोग के साथ-साथ राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों को इस मामले में निर्देश लेने को कहा। पीठ ने अदालत को सुनवाई की अगली तारीख के बारे में अपने फैसले से अवगत कराने का निर्देश दिया।

    मामले की अगली सुनवाई नौ फरवरी को सुबह 10:30 बजे होगी।

    याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद और अधिवक्ता बिवल्डल भट्टाचार्य ने पीठ को अवगत कराया कि उन जगहों पर राजनीतिक हिंसा की खबरें आई हैं जहां आगामी नगरपालिका चुनाव होने वाले हैं। तदनुसार, प्रस्तुत किया गया कि शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की आवश्यकता है।

    अधिवक्ता श्रीजीब चक्रवर्ती हस्तक्षेप करने वाले पक्ष की ओर से कहा कि बिधाननगर नगर निगम के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से मुख्य रूप से राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पों की खबरें आई हैं। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि आगामी बिधाननगर नगर निगम चुनाव के दौरान केंद्रीय संसदीय बलों की तैनाती के लिए तत्काल उपाय करने की मांग करते हुए 25 जनवरी, 2021 को पुलिस आयुक्त, बिधाननगर पुलिस आयुक्तालय को एक अभ्यावेदन दिया गया था। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने दिसंबर, 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर एक अपील को खारिज कर दिया था। इसमें कोलकाता नगर चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने वाली भाजपा की याचिका को अस्वीकार कर दिया गया था। कोलकाता नगर निगम चुनाव 19 दिसंबर को हुए थे।

    सुप्रीम कोर्ट ने पहले भाजपा द्वारा कोलकाता नगर चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने वाली इस तरह की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी को इस तरह की राहत के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था।

    सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेसरा राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने भाजपा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह से कहा था,

    "हम केंद्रीय बल की आवश्यकता के संबंध में निर्णय नहीं ले सकते। हाईकोर्ट स्थिति जानने के लिए बेहतर स्थिति में होगा।"

    याचिका में दलील

    याचिकाकर्ता प्रताप बनर्जी ने प्रस्तुत किया कि बिधाननगर के सभी इलाकों से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। यहां तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा की है। इन लोगों ने अपने राजनीतिक विरोधियों को चुप कराने के लिए कच्चे बम और अन्य आग्नेयास्त्रों का भी सहारा लिया है।

    आगे यह तर्क दिया गया कि बिधाननगर नगरपालिका चुनावों का अतीत हिंसक रहा है और चुनाव के समय और आसपास हमेशा राजनीतिक हिंसा होती रही है। आगे यह भी कहा गया कि 2016 के विधानसभा चुनाव के बाद से केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद ही बिधाननगर में हिंसा की ऐसी घटनाओं में तुलनात्मक रूप से कमी आई है।

    याचिका में आगे कहा गया,

    "12.02.2022 को होने वाले विधाननगर नगर निगम चुनाव के दौरान केंद्रीय संसदीय बलों की तैनाती उक्त क्षेत्र के मतदाताओं के मन में विश्वास पैदा करने के लिए है। ताकि मतदाताओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपना वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।"

    अदालत को आगे बताया गया कि अगर केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है तो हिंसा फैलने की पूरी संभावना है जैसा कि पहले भी देखा गया कि अधिकांश निवासी राजनीतिक हिंसा के डर से वोट देने के बजाय अपने घर के अंदर रहना पसंद करते हैं।

    याचिकाकर्ता ने कहा,

    "चूंकि आवेदक इकोल निवासी हैं, इसलिए उनकी जानकारी में आया कि बिधाननगर में चुनाव की तारीख से पहले आतंक फैलाने के लिए एक विशेष राजनीतिक दल के असामाजिक लोगों द्वारा बम और आग्नेयास्त्रों का एक बड़ा जखीरा तैयार किया जा रहा है।"

    यह भी प्रस्तुत किया गया कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना एक संवैधानिक जनादेश है। तदनुसार, आगामी नगरपालिका चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों को तैनात करने के निर्देश देने के लिए प्रार्थना की गई।

    केस शीर्षक: प्रताप बनर्जी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य जुड़े मामले

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