RG Kar Case में हाईकोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता को ट्रायल कोर्ट जाने को कहा
Amir Ahmad
26 Jun 2025 1:21 PM IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता को ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेने का निर्देश दिया, जिसकी अगस्त 2024 में कोलकाता के आर. जी. कर अस्पताल में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी।
माता-पिता ने मांग की थी कि उनके द्वारा नियुक्त वकील को घटनास्थल का निरीक्षण करने दिया जाए। हाईकोर्ट ने यह अनुमति देने के लिए ट्रायल कोर्ट, यानी एसीजेएम सियालदह के समक्ष आवेदन करने को कहा। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि सेमिनार रूम, जहां अपराध घटित हुआ था, उसको इस निरीक्षण से बाहर रखा जाएगा।
जस्टिस तीर्थंकर घोष की एकल पीठ ने यह आदेश जारी किया यह देखते हुए कि इस मामले की प्रगति रिपोर्टें ट्रायल कोर्ट के समक्ष समय-समय पर दाखिल की जा रही हैं और CBI ने इस मांग का विरोध नहीं किया।
वहीं, राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जब तक CBI की जांच पर असंतोष जताकर दोबारा जांच की मांग नहीं की जाती, तब तक वकील को घटनास्थल का निरीक्षण करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि बिना पुनः जांच की मांग के, पीड़िता के वकील को ऐसा कोई अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट ने मामले को ट्रायल कोर्ट को सौंपते हुए यह स्पष्ट किया कि यदि पीड़िता के परिजन इस अनुमति के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो वे संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत हों।
घटना की पृष्ठभूमि
अगस्त, 2024 में हुई इस जघन्य वारदात ने पूरे देश को झकझोर दिया था। हाईकोर्ट ने मामले की जांच शुरू में पश्चिम बंगाल CID से करवाई थी, लेकिन बाद में इसे CBI को सौंप दिया गया। CBI ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तक गई थी, जहां कार्यस्थल पर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश तय करने के लिए अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया था। साथ ही हाईकोर्ट ने अस्पताल के तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष और थाने के प्रभारी अधिकारी की भूमिका की जांच के लिए भी CBI को आदेश दिया था, क्योंकि उन्होंने मामले को 'अप्राकृतिक मृत्यु' के तौर पर दर्ज किया था।

