पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत का मामला, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 15 लाख मुआवजा देने का दिया आदेश

Brij Nandan

17 April 2023 8:17 AM GMT

  • पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत का मामला, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 15 लाख मुआवजा देने का दिया आदेश

    Calcutta High Court

    कलकत्ता हाईकोर्ट में बीरभूम जिले के मल्लारपुर पुलिस स्टेशन में नाबालिग की मौत से जुड़ा एक केस आया। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मृतक नाबालिग के परिवार वाले को 15 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

    ये आदेश एक्टिंग चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच ने दिया है।

    बेंच ने इस मामले में पुलिस की भूमिका की भी तीखी निंदा की। साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिया कि 15 दिनों के भीतर नाबालिग के परिवार को 15 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा।

    आइए समझते हैं क्या है पूरा मामला

    केस के मुताबिक 2020 में बीरभूम जिले के 15 साल के एक नाबालिग को चोरी के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे थाने के एक कमरे में उसे रखा गया था। वहीं से दूसरे दिन उसका शव बरामद किया गया। नाबालिग की मौत कैसे हुई, इसे लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे। स्थानीय लोगों ने बताया था कि थाने के अंदर उसके साथ पुलिसकर्मियों ने मारपीट की थी। घटना के बाद बीरभूम जिला पुलिस ने मल्लारपुर थाने के सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को क्लोज किया था। हालांकि थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने को लेकर भी सवाल खड़े हुए थे।

    अब मामले में कोर्ट ने कहा कि पीड़ित लड़के के पिता को पंचायत में एक अस्थायी नौकरी देने की बात कही गई है। परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा है। हमने सभी पहलुओं पर विचार किया है। नाबालिग के परिवार को 15 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। पीड़ित लड़के के परिवार को मुआवजे के रूप में 15 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जाए।

    इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि भविष्य में किसी भी नाबालिग के खिलाफ कानूनी कदम उठाने से पहले पश्चिम बंगाल जूविनाइल जस्टिस कानून-2017 का अनुपालन पुलिस को हर हाल में करना होगा।

    आगे कहा कि नियम मौजूद हैं, लेकिन नियमों को लागू करने और पुलिस अधिकारियों को उनके कर्तव्यों के बारे में संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है।

    एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि थाने में तैनात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और सजा का आदेश भी जारी किया गया।

    अदालत ने राज्य को तीन महीने के भीतर निर्देशों का पालन करने को कहा है।

    केस टाइटल: इन रे: मल्लारपुर में एक नाबालिग लड़के की अप्राकृतिक मौत; अरिजीत अधिकारी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य।

    कोरम: एक्टिंग चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य

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