कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बम विस्फोटों की एनआईए जांच की मांग वाली जनहित याचिका में राज्य सरकार से जवाब मांगा

LiveLaw News Network

2 May 2022 11:35 AM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बम विस्फोटों की एनआईए जांच की मांग वाली जनहित याचिका में राज्य सरकार से जवाब मांगा

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में पिछले महीने क्रूड बम विस्फोट की घटना की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच करवाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा।

    पिछले महीने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास कालियाचक के गोपालनगर गांव में बम विस्फोट होने से पांच स्कूली बच्चे कथित तौर पर घायल हो गए थे।

    मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की पीठ को याचिकाकर्ता के वकील ने अवगत कराया कि घटना में पांच स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

    यह भी कहा गया कि यह घटना राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत एक 'अनुसूचित अपराध' की श्रेणी में आती है और इस प्रकार एनआईए द्वारा जांच की भी मांग की गई।

    अदालत ने उठाई गई शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह की अवधि के भीतर याचिका से संबंधित एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

    अदालत ने आगे याचिकाकर्ता को याचिका की एक प्रति एनआईए को देने और केंद्रीय एजेंसी को तत्काल कार्यवाही में शामिल करने का निर्देश दिया।

    याचिकाकर्ता को सुनवाई की अगली तारीख के बारे में केंद्र सरकार के अधिकारियों को सूचित करने का भी आदेश दिया गया।

    राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी पश्चिम बंगाल के अधिकारियों से क्रूड बम विस्फोट में घायल हुए चार बच्चों को विशेष चिकित्सा उपचार देने के लिए कहा है।

    पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर ने उनसे घटना की विस्तृत जांच करने और 10 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट देने को कहा है।

    यह ध्यान दिया जा सकता है कि हाल ही में हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से बीरभूम जिले में विस्फोटों की जांच एनआईए को हस्तांतरित करने का आदेश दिया है।

    अदालत ने यह माना था कि केंद्रीय एजेंसी को अनुसूचित अपराध की जांच में प्राथमिकता है। .

    केस शीर्षक: अरिजीत मजूमदार बनाम पश्चिम बंगाल राज्य

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