न्यायिक नियुक्तियां : हलफनामे में गलत जानकारी देने पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने न्यायिक सचिव को तलब किया
LiveLaw News Network
8 Feb 2020 10:44 AM IST

Calcutta High Court
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक पीठ ने बुधवार को अदालत में दाखिल हलफनामे में गलत तथ्यों देने पर कड़ा रुख अपनाया है। पीठ ने पश्चिम बंगाल राज्य के न्यायिक सचिव को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए हैं।
न्यायमूर्ति जोमाल्य बागची और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने कहा, " यह "दुर्भाग्यपूर्ण" है कि एक अनुभवी न्यायिक अधिकारी इस तरह के " लापरवाही तरीके" से कार्य करेगा। "
पीठ ने कहा,
"मामलों की यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हमें प्रथम दृष्टया एक दृष्टिकोण की ओर ले जाती है कि एक जिम्मेदार न्यायिक अधिकारी के रूप में तैनात एक अनुभवी न्यायिक अधिकारी ने आकस्मिक और लापरवाह तरीके से हलफनामे की पुष्टि की है। ऐसी परिस्थितियों में, हम विवश हैं कि हम प्रस्तुत हलफनामे पर भरोसा न करें।"
दरअसल इस हलफनामे को पीठ के पहले के आदेश के अनुसार प्रस्तुत किया गया था, जिसके तहत न्यायिक सचिव को एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था जिसमें बताया जाना था कि
WBJS कैडर में जिला न्यायाधीश (प्रवेश स्तर) के कैडर में 23 पदों पर नियुक्तियां अब तक क्यों नहीं की गई थीं।
हलफनामे पर विचार करने पर अदालत ने पृष्ठ 12 पर अनुलग्नक "ए -1" के रूप में वर्णित दस्तावेज को नोट किया जो उक्त शपथपत्र के पृष्ठ 6 पर पैरा 2 में दिए गए तथ्यों के साथ मिलान नहीं करता था।
इन परिस्थितियों में पीठ ने संबंधित न्यायिक सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और अधिक विस्तृत हलफनामा दायर करने को कहा है, जो मामले के संबंध में सही व्याख्या के साथ सभी प्रासंगिक तथ्यों का खुलासा करे।
पीठ ने आगे निर्देश दिया कि सचिव नए हलफनामे में ये भी बताएंगे कि कैसे उन्होंने पैरा 2 और 3 में दिए गए तथ्यों को अपने विवेक में सही होने की पुष्टि की, इसके बावजूद कि उसमें दिए तथ्य सही नहीं हैं।
इस मामले को 11 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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