'मृत लोगों को फंड जारी किया': कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकारी योजना के फंड के कथित दुरुपयोग की जांच तीन महीने में करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

19 Jan 2022 1:06 PM GMT

  • कलकत्ता हाईकोर्ट

    कलकत्ता हाईकोर्ट 

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री आवास योजना योजना के तहत आवंटित धन के कथित हेराफेरी की जांच करने और तीन महीने की अवधि के भीतर एक तर्कसंगत आदेश पारित करने का निर्देश दिया ।

    चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की पीठ एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के सूत्रधार ने सरकारी योजना के तहत आवंटित धन का कथित रूप से दुरुपयोग किया।

    याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने बेंच को आगे बताया कि मार चुके लोगों को फंड जारी किया गया और उन व्यक्तियों को भुगतान किया गया, जिन्होंने कोई निर्माण नहीं किया।

    उन्होंने आगे कहा कि 27 अक्टूबर, 2021 को इस संबंध में दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को एक अभ्यावेदन दिया गया था, हालांकि उस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    उपरोक्त शिकायत को ध्यान में रखते हुए बेंच ने अपने आदेश में कहा,

    "याचिकाकर्ता द्वारा यह प्रस्तुत किया गया है कि मृत व्यक्तियों और उन लोगों को धन जारी किया गया है जिन्होंने कोई निर्माण नहीं किया है।"

    इसके अलावा अदालत ने दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट को याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर विधिवत विचार करने और धन के कथित दुरुपयोग की जांच करने का निर्देश दिया।

    बेंच ने आगे यह भी आदेश दिया गया कि जिला मजिस्ट्रेट को तीन महीने के भीतर एक तर्कपूर्ण आदेश पारित करना होगा और यदि कोई धन की हेराफेरी होती पाई जाती है तो कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए।

    इस प्रकार मामले का निस्तारण किया गया।

    इसी तरह के एक मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को जिला मजिस्ट्रेट, पूर्व मेदिनीपुर को प्रधानमंत्री आवास योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत आवंटित धन के कथित गबन की जांच करने का निर्देश दिया।

    केस शीर्षक: रायच लस्कर बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य

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