"BSNL ने गैरकानूनी रूप से जमीन पर कब्ज़ा किया" : सरकारी कंपनी से इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
Sparsh Upadhyay
3 Feb 2021 1:06 PM IST
स्पष्ट रूप से 1 अगस्त, 2019 से आज तक, बी.एस.एन.एल याचिकाकर्ता की भूमि के अवैध कब्जे और उपयोग में है, जिसके लिए याचिकाकर्ता न केवल किराए की, बल्कि क्षतिपूरक राशि की भी हकदार होगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह देखते हुए कि राज्य की कंपनी भारत संचार नागम लिमिटेड (बीएसएनएल), जो कि एक सरकारी कंपनी है, अदालत के समक्ष मौजूद याचिककर्ता की भूमि पर अवैध कब्जा कर रही है, सोमवार (01 फरवरी) को बीएसएनएल के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की।
न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ एक तसिरुल निशा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने अदालत के समक्ष यह कहा कि बी.एस.एन.एल अभी भी बिना किराया चुकाए उसकि जमीन का उपयोग कर रहा है।
न्यायालय के समक्ष मामला
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने एक लीज के समझौते के तहत, मोबाइल टावर के निर्माण के लिए जमीन के कुछ हिस्से को बी.एस.एन.एल. को दिया था।
हालांकि, जैसा कि याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया था कि लीज समझौता 31 जुलाई 2019 को समाप्त हो जाने के बावजूद भी बी.एस.एन.एल. ने याचिकाकर्ता से संबंधित जमीन को खाली नहीं किया।
दूसरी ओर, बीएसएनएल का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को किराए का भुगतान 31 जुलाई 2019 तक किया गया था और उसके बाद, हालांकि, लीज समझौते की अवधि को आगे की अवधि के लिए नवीनीकृत नहीं किया गया था, पर फिर भी याचिकाकर्ता को 31 जनवरी 2021 तक के किराए की राशि का भुगतान किया गया है।
इस संबंध में, न्यायालय ने उल्लेख किया कि 01 अगस्त 2019 से 31 जनवरी 2021 तक का भुगतान 30 जनवरी 2021 को केवल तभी किया गया था, जब तत्काल रिट याचिका की सूचना बी.एस.एन.एल. को मिली थी
इस पृष्ठभूमि में, न्यायालय ने टिप्पणी की,
"स्पष्ट रूप से 1 अगस्त, 2019 से, आज तक बी.एस.एन.एल याचिकाकर्ता की भूमि के अवैध कब्जे और उपयोग में है, जिसके लिए याचिकाकर्ता न केवल किराए की, बल्कि क्षतिपूरक राशि की भी हकदार होगी।"
कोर्ट ने इसे "अजीब" भी कहा कि बी.एस.एन.एल. द्वारा याचिकाकर्ता को 01 अगस्त 2019 से 31 जनवरी 2021 तक की अवधि का किराए का भुगतान, पुरानी दरों के अनुसार किया गया था।
इसके अलावा, अदालत ने टिप्पणी की,
"हम बी.एस.एन.एल की ओर से इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।"
अंत में, मामले को आगे की सुनवाई के लिए 03 फरवरी 2021 को सूचीबद्ध किया गया।