ब्रॉडकास्टर को कंटेंट प्रसारित करते समय न्यूनतम सावधानियां बरती जानी चाहिए : दिल्ली हाईकोर्ट
Brij Nandan
22 July 2022 8:26 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि ब्रॉडकास्टर से अपेक्षा की जाती है कि वह उन न्यूनतम सावधानियों को ध्यान में रखे जो सामग्री प्रसारित करते समय बरती जानी चाहिए जो विवेकपूर्ण दर्शकों की संवेदनाओं को परेशान कर सकता है।
जस्टिस यशवंत वर्मा ने टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें इस साल मार्च में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के तहत जुर्माना लगाया गया था।
पिछले साल फरवरी में इंडिया टुडे चैनल द्वारा प्रसारित एक प्रसारण में एक हाथी को उसके कार्यवाहकों द्वारा बेरहमी से पीटे जाने की घटना दिखाई गई थी।
एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए मंत्रालय ने चैनल को नोटिस पर रखने के बाद आदेश पारित किया था।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह विवादित नहीं है कि मूल रूप से प्रसारित किए गए दृश्य क्लिप न तो धुंधले थे और न ही चैनल ने देखभाल करने वालों की बर्बर कार्रवाई और जानवरों के दर्द को ध्यान में रखते हुए विवेक का प्रयोग करने के लिए जनता को आगाह किया था।
अदालत ने कहा,
"उन स्वीकृत तथ्यों के आलोक में, कोर्ट को आक्षेपित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई औचित्य नहीं लगता है।"
आगे कहा,
"उस घटना को दर्शकों के ध्यान में लाने और इस तरह जानवरों के प्रति क्रूरता के मुद्दे को उजागर करने में याचिकाकर्ता के कार्य को बहिष्कृत करने का इरादा नहीं है। ब्रॉडकास्टर से अपेक्षा की जाती है कि वह उन न्यूनतम सावधानियों को ध्यान में रखे जो सामग्री प्रसारित करते समय बरती जानी चाहिए जो विवेकपूर्ण दर्शकों की संवेदनाओं को परेशान कर सकता है।"
अदालत ने इस प्रकार निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता किसी भी पूर्वाग्रह को स्थापित करने में विफल रहा और तदनुसार याचिका खारिज कर दी गई।
केस टाइटल: टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड बनाम भारत संघ एंड अन्य।
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