ठाकरे और राउत के खिलाफ मानहानि मामले में याचिका खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती
Amir Ahmad
22 Aug 2025 12:27 PM IST

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने स्पेशल कोर्ट के उस फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत के खिलाफ उनके द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में चल रहे मुकदमे में एक गवाह को समन जारी करने से इनकार कर दिया गया था।
गौरतलब है कि शेवाले ने 29 दिसंबर, 2022 को शिवसेना के मुखपत्र सामना में कराची, पाकिस्तान में उनके कथित रियल एस्टेट सौदों से संबंधित लेख प्रकाशित होने के बाद आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। दक्षिण-मध्य मुंबई निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व सांसद ने सामना अखबार के मुख्य संपादक ठाकरे और कार्यकारी संपादक राउत के खिलाफ मामला दायर किया है।
26 अक्टूबर, 2023 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने ठाकरे और राउत को मामले से बरी करने से इनकार कर दिया, जिन्होंने तर्क दिया था कि उन्हें मामले में फंसाया जा रहा है। महाराष्ट्र के दो शीर्ष राजनेताओं को बरी करने से इनकार करने वाले उक्त आदेश को 23 सितंबर, 2024 को एक विशेष सांसद/विधायक अदालत ने बरकरार रखा।
शेवले ने 8 जुलाई, 2025 को निचली अदालत में आवेदन दायर किया, जिसमें सामना के हिंदी और मराठी दोनों संस्करणों के समाचार संवाददाताओं को समन जारी करने का आग्रह किया गया। हालांकि उक्त समन सामना कार्यालय में दत्ता हरगुडे नामक व्यक्ति को प्राप्त हुआ। इसके बाद दो अन्य आवेदन दायर किए गए, जिनमें अदालत से हरगुडे को समन जारी करने और कुछ प्रासंगिक दस्तावेज पेश करने का आग्रह किया गया। ठाकरे और राउत को उन समाचार संवाददाताओं के पते उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई, जिन्होंने मानहानिकारक लेख दायर किया था।
निचली अदालत ने 19 जुलाई, 2025 के अपने आदेश के आधार पर शेवाले द्वारा दायर उक्त आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता हरगुडे के माध्यम से जिन दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाना चाहता है, वे आत्म-दोषसिद्ध दस्तावेज हैं। इसलिए ठाकरे और राउत को अदालत में उक्त दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जा सकता।
इसी आदेश को चुनौती देते हुए शेवाले ने अब अपनी वकील चित्रा सालुंखे के माध्यम से सिंगल जज जस्टिस श्रीराम मोदक का दरवाजा खटखटाया।
अपनी याचिका में शेवाले ने तर्क दिया कि निचली अदालत ने उनकी याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया, क्योंकि जिन दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर लाने की मांग की गई, वे आत्म-दोषसिद्ध नहीं थे बल्कि ठाकरे और राउत के खिलाफ शिकायतकर्ता के मामले को साबित करने वाले सबसे अच्छे सबूत थे।
यह याचिका बुधवार (20 अगस्त) को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन समय की कमी के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी और इसे अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
शुक्रवार को सालुंखे द्वारा इस याचिका पर फिर से चर्चा किए जाने की संभावना है, जिन्होंने पुष्टि की कि वे इस याचिका पर सुनवाई के लिए पहले की तारीख तय करने का आग्रह करेंगी।
केस टाइटल: राहुल रमेश शेवाले बनाम महाराष्ट्र राज्य

