बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरोगेसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कपल की याचिका पर अस्पताल से जवाब मांगा
Brij Nandan
19 May 2022 11:14 AM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने बुधवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल को निर्देश दिया कि वह नई सहायक प्रजनन तकनीक और सरोगेसी अधिनियम (Surrogacy Act) के लागू होने से पहले शुरू की गई अपनी सरोगेसी प्रक्रिया को पूरा करने की मांग करने वाली एक कपल की याचिका पर जवाब दें।
कपल ने सरोगेसी के माध्यम से बच्चे की अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए पीजी हिंदुजा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से अपने क्रायोप्रिजर्व्ड भ्रूण को किसी अन्य प्रजनन क्लिनिक में ट्रांसफर करने की मांग की। कपल ने जनवरी 2022 में अधिनियम के लागू होने के कई महीनों बाद प्रक्रिया को पूरा करने में विधायी गतिरोध का हवाला दिया।
बुधवार को जस्टिस एनडब्ल्यू सांब्रे और जस्टिस अनिल पानसरे की अवकाश पीठ ने हिंदुजा अस्पताल को अपना जवाब दाखिल करने और याचिकाकर्ताओं जैसे कपल्स के लिए मौजूदा कानूनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
अस्पताल की ओर से पेश एडवोकेट अनीता कैस्टेलिनो ने अदालत को सूचित किया कि अधिनियम में ऐसी प्रक्रियाओं के लिए एक राज्य बोर्ड और एक राष्ट्रीय बोर्ड का गठन करने की आवश्यकता है। इसके अलावा, अधिनियम के तहत पहले से ही एक राज्य बोर्ड का गठन किया गया था और आवेदन प्राप्त करना शुरू कर दिया था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश एडवोकेट पीवी दिनेश ने राज्य बोर्ड को चार महीने में कम से कम एक बार बैठक करने के लिए अधिनियम की धारा 29 के मद्देनजर अंतरिम में भ्रूण के ट्रांसफर के लिए एक अंतरिम आदेश की मांग की।
हालांकि, पीठ का विचार था कि वह कोई भी आदेश पारित करने से पहले अस्पताल की प्रतिक्रिया का इंतजार करेगी।
इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई 7 जून को तय की।