बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्कूल छोड़ने के बाद स्कूल रिकॉर्ड में छात्र की जन्मतिथि में बदलाव करने से इनकार किया

Sharafat

21 Sep 2022 4:36 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्कूल छोड़ने के बाद स्कूल रिकॉर्ड में छात्र की जन्मतिथि में बदलाव करने से इनकार किया

    बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने हाल ही में याचिकाकर्ता छात्र को स्कूल रिकॉर्ड में उसकी जन्मतिथि बदलने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि छात्र के स्कूल छोड़ने के बाद स्पष्ट त्रुटियों को ही ठीक किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि जन्मतिथि में बदलाव स्पष्ट त्रुटि की श्रेणी में नहीं आता।

    जस्टिस रवींद्र वी. घुगे और जस्टिस अरुण आर. पेडनेकर ने स्कूल छोड़ने के बाद स्कूल रिकॉर्ड में जन्म तिथि में बदलाव के लिए प्रार्थना करने वाली एक रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

    याचिकाकर्ता का यह मामला था कि पहली कक्षा में प्रवेश के समय उसकी जन्मतिथि गलत दर्ज की गई थी। स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र वही जन्म तिथि दर्ज है।

    याचिकाकर्ता के पिता ने स्कूल रिकॉर्ड में सुधार के लिए आवेदन किया था और आवेदन प्रखंड शिक्षा अधिकारी को भेजा गया था।

    याचिकाकर्ता ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1967 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी से संबंधित रजिस्टर में याचिकाकर्ता की सही जन्म तिथि दर्ज करने का निर्देश प्राप्त किया।

    याचिकाकर्ता ने स्कूल रिकॉर्ड में उसकी जन्मतिथि को सही करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    अदालत ने कहा कि जनाबाई बनाम महाराष्ट्र राज्य में पूर्ण पीठ के फैसले में स्कूल रिकॉर्ड में जन्मतिथि में बदलाव के मुद्दे पर विचार किया गया है। माध्यमिक विद्यालय संहिता के खंड 26.3 और खंड 26.4 का संदर्भ दिया गया।

    दोनों खंडों के संयुक्त पठन से अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि स्पष्ट गलतियों को सुधारने के अलावा छात्र के माध्यमिक विद्यालय छोड़ने के बाद जन्म तिथि में बदलाव के लिए किसी भी आवेदन की अनुमति नहीं है।

    स्पष्ट गलतियों में ऐसे मामले शामिल हैं जहां रिकॉर्ड की गई तारीख कैलेंडर में मौजूद नहीं है और इसी तरह की त्रुटियां इसमें शामिल हैं।

    अदालत ने जनाबाई में पूर्ण पीठ के फैसले को वर्तमान मामले में लागू किया और कहा कि याचिकाकर्ता का आवेदन स्पष्ट गलती की प्रकृति में नहीं है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, वर्तमान रिट याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।

    केस नम्बर - 8620/2022

    केस टाइटल - गोविंद रामराव सोलंकी बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य।

    केस नम्बर - 8620/2022

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