बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवाब मलिक को वानखेड़े के मानहानि के मुकदमे का जवाब कल तक दाखिल करने का निर्देश दिया, 10 नवंबर को सुनवाई होगी
LiveLaw News Network
8 Nov 2021 4:06 PM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे का जवाब कल तक देने का निर्देश दिया।
दरअसल, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ने राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ 1.25 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
ध्यानदेव वानखेड़े (72) ने अदालत से एक घोषणा की मांग की है कि मलिक की टिप्पणी, जो प्रेस विज्ञप्ति या साक्षात्कार या सोशल मीडिया, उनके ट्विटर अकाउंट तक सीमित नहीं है, वह "प्रकृति में अपमानजनक और मानहानिकारक" हैं।
मलिक के वकील द्वारा टिप्पणी पोस्ट नहीं करने या प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से इनकार करने के बाद न्यायमूर्ति माधव जामदार ने मामले को 10 नवंबर को अंतरिम राहत के लिए सुनवाई के लिए पोस्ट किया।
न्यायमूर्ति जामदार ने टिप्पणी की कि अगर मलिक ट्विटर पर जवाब दे सकते हैं तो वह निश्चित रूप से यहां (अदालत में) जवाब दे सकते हैं।
सुनवाई के दौरान एडवोकेट अरशद शेख ने अंतरिम राहत की मांग करते हुए कहा कि मलिक रोज कुछ न कुछ कहते हैं।
आगे कहा,
"जवाब आवश्यक है, लेकिन इस बीच वह अपने मुवक्किल को अगले दो या तीन दिनों के लिए मना सकता है कि वह मेरे मुवक्किल के बारे में कुछ भी न बताए। वह इन कुछ दिनों के लिए प्रेस में नहीं जा सकता है।"
मलिक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अतुल दामले ने कहा कि उनके पास इस तरह का वचन देने का कोई निर्देश नहीं है।
अदालत ने तब मलिक से कल तक (मंगलवार) जवाब दाखिल करने को कहा और वाद के पैरा 7 में एक निश्चित संशोधन की भी अनुमति दी।
वानखेड़े ने मलिक, उनकी पार्टी के सदस्यों और मलिक के निर्देशों के तहत काम करने वाले अन्य सभी लोगों को उनके और वानखेड़े के परिवार के सदस्यों के बारे में किसी भी तरह की मानहानिकारक सामग्री को प्रकाशित करने, लिखने या मीडिया में बोलने या प्रकाशित करने पर प्रतिबंधित लगाने की मांग की है।
उन्होंने आगे अपने और अपने परिवार के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित लेखों, ट्वीट्स, साक्षात्कारों को हटाने और उन्हें "किसी भी मीडिया में प्रकाशित, लिखने और बोलने से रोकने" के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है।
अंत में, मलिक को अपूरणीय क्षति और उसके परिवार के सदस्यों के नाम, चरित्र, प्रतिष्ठा और सामाजिक छवि के प्रति पूर्वाग्रह" के लिए उन्हें 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की है।
वानखेड़े के वकीलों ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति एसजे कथावाला की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया था। इसके बाद पीठ ने मामले को आज (सोमवार) सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया था।
अन्य घटनाक्रमों में क्रूज शिप ड्रग्स मामले की जांच, जिसमें अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान एक आरोपी हैं, को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को ट्रांसफर कर दिया गया है। ऐसा समीर वानखेड़े के खिलाफ लगाए गए कई व्यक्तिगत और सेवा संबंधी आरोपों के बाद किया गया है।