बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को 'डिंडोशी' मेट्रो स्टेशन का नाम 'पठानवाड़ी' करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से पहले 1 लाख रुपए जमा करने को कहा

Brij Nandan

11 Jun 2022 10:56 AM IST

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को डिंडोशी मेट्रो स्टेशन का नाम पठानवाड़ी करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से पहले 1 लाख रुपए जमा करने को कहा

    बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरुवार को याचिकाकर्ता को मुंबई मेट्रो लाइन 7 पर एक स्टेशन का नाम 'डिंडोशी' से 'पठानवाड़ी' करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से पहले 1 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया।

    नई रोशनी सामाजिक संगठन द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मूल रूप से मेट्रो स्टेशन का नाम "पठानवाड़ी" रखा गया था। हालांकि, "अनुचित राजनीतिक दबाव" और विधायकों द्वारा किए गए अनुरोधों के कारण, 18 जनवरी, 2019 को एमएमआरडीए आयुक्त ने आदेश दिया कि स्टेशन को "दिंडोशी" बुलाया जाए।

    याचिकाकर्ता के मुताबिक मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर एमएमआरडीए ने मेट्रो स्टेशनों के नामकरण की अपनी ही नीति का उल्लंघन किया है। नीति में कहा गया है कि रेवेन्यू गांव में जहां दो से अधिक स्टेशन हैं, वहां मेट्रो स्टेशन का नाम उसके निकटतम वाडी के नाम पर रखा जाना चाहिए।

    वर्तमान मामले में, मलाड में तीन मेट्रो स्टेशन हैं, दो लाइन 2ए पर और एक मेट्रो रेल लाइन 7 पर। नीति के अनुसार, लाइन 7 को पहले से ही "पठानवाड़ी" नाम दिया गया था, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर डिंडोशी कर दिया गया।

    गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील अल्ताफ खान को सुना और कहा कि वे याचिकाकर्ताओं द्वारा पूर्व शर्त के रूप में 1 लाख रुपये जमा करने के बाद ही जनहित याचिका पर सुनवाई करेंगे।

    याचिकाकर्ता, अन्य सामाजिक संगठनों, सहकारी आवास समितियों के साथ-साथ मलाड के पठानवाड़ी क्षेत्र के निवासियों ने प्रतिवादी को बार-बार पत्राचार और अभ्यावेदन को संबोधित किया है और मनमाने और अवैध तरीके से मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर "दिंडोशी" कर दिया गया।

    याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी पठानवाड़ी के निवासियों के अभ्यावेदन को आगे बढ़ाने के लिए कोई भी कदम उठाने में विफल रहा है और उसकी उपेक्षा की है और याचिकाकर्ता की शिकायत बनी हुई है।

    इसलिए याचिका में स्टेशन का नाम बदलकर 'पठानवाड़ी करने' की मांग की गई है।



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