बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के लिए मुफ्त उपचार नीति का व्यापक प्रचार करने के लिए कहा
LiveLaw News Network
25 May 2021 11:37 AM IST
बॉम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद बेंच) ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह निजी अस्पतालों द्वारा गरीब और अशिक्षित लोगों से इलाज के लिए वसूले जा रहे अधिक कीमत पर रोक लगाने के लिए म्यूकर माइकोसिस या ब्लैक फंगस डिजीज के लिए अपनी मुफ्त इलाज नीति को प्रचारित करें।
जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस बीयू देबद्वार की खंडपीठ को एमिकस क्यूरी ने सोमवार को महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) में बीमारियों की सूची में म्यूकर माइकोसिस को शामिल करने के राज्य के फैसले के बारे में बताया।
कोर्ट को राज्य के वकील ने गैर-सरकारी अस्पतालों द्वारा इलाज के लिए अधिक कीमत वसूलन पर रोक लगाने के लिए म्यूकर माइकोसिस के उपचार शुल्क को सीमित करने के निर्णय के बारे में बताया। पीठ ने तब फैसले में व्यापक प्रचार करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि,
"यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र राज्य म्यूकर माइकोसिस रोगियों के मुफ्त इलाज की एक विशिष्ट नीति लेकर आया है। इसलिए हम राज्य सरकार से इस निर्णय का व्यापक प्रचार करने की उम्मीद करते हैं ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति, अशिक्षित, अर्ध-साक्षर और दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोग इन सुविधाओं से अवगत हों।"
पीठ ने आगे कहा कि इस योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों की सूची को भी प्रचारित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीज गलत अस्पताल में जाएं। इसके अलावा अस्पतालों को अस्पताल में और अपने पोर्टल पर बेड की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्रमुखता से प्रदर्शित करनी चाहिए।
मुख्य लोक अभियोजक ने कहा कि राज्य म्यूकर माइकोसिस रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक विभिन्न दवाओं / इंजेक्शनों की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। पीठ ने इसके बाद स्वत: संज्ञान जनहित याचिका को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
म्यूकर माइकोसिस स्काइरोकेट उपचार लागत
कोर्ट से शुक्रवार को एडवोकेट आरके इंगोले ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस स्काइरोकेट का इलाज महंगा है और एक लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने ऐसे मामलों की ओर इशारा किया जहां एक मरीज को चार से छह सप्ताह की उपचार अवधि के लिए प्रति दिन एंटी-फंगल अम्फोटेरिसिन बी के एक-तीन इंजेक्शन की आवश्यकता हो सकती है।
एडवोकेट आरके इंगोले ने यह भी कहा कि एमजेपीजेएवाई में केवल 1,50,000 रूपये तक गरीबी रेखा से नीचे के रोगियों के इलाज की योजना है, म्यूकर माइकोसिस स्काइरोकेट के इलाज में लगभग 8-10 लाख रूपये की आवश्यकता होती है।
अदालत ने कहा कि राज्य में 18 मई, 2021 तक 950 सक्रिय म्यूकर माइकोसिस रोगी पाए गए हैं। इसके लिए राज्य को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है और भारत सरकार द्वारा 16,500 शीशियां वितरित किए जाने पर राज्य के पास उपलब्ध अम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन की मात्रा है।
पीठ ने राज्य को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि,
"इस प्रकार यह स्पष्ट है कि बहुत अधिक जरूरत पड़ने पर प्रत्येक रोगी को केवल 17 इंजेक्शन दिए जाएंगे।"
निजी अस्पताल मनमानी कीमत नहीं वसूल सकते
पीठ ने सोमवार को राज्य और एमिकस क्यूरी की प्रस्तुतियों के बाद कहा कि यह स्पष्ट है कि पात्र लाभार्थियों के लिए म्यूकर माइकोसिस बीमारी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के साथ एमजेपीजेएवाई के तहत कवर की गई है।
महाराष्ट्र में लगभग 130 अस्पतालों की पहचान ऐंटिफंगल बीमारियों के इलाज के लिए सुविधाओं के रूप में की गई है और इलाज के लिए ये दवाएं जिला सिविल सर्जन के माध्यम से उपलब्ध होंगी। इसके अलावा 1000 और अस्पतालों को पैनल में शामिल किया जाना है और एमजेपीजेएवाई के तहत म्यूकर माइकोसिस के इलाज के लिए 19 मेडिकल और सर्जिकल पैकेजों की पहचान की गई है।
अदालत ने आगे कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक एंटी-फंगल दवाएं अस्पतालों में भर्ती मरीजों को मुफ्त प्रदान की जाएंगी और जिला सिविल सर्जन और राज्य स्वास्थ्य आश्वासन समिति एमजेपीजेएवाई के माध्यम से लागत की प्रतिपूर्ति करेगी। अस्पतालों में दवाओं के दैनिक उपयोग / खपत की निगरानी एमजेपीजेएवाई वेब पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य में कोई भी व्यक्ति जो कार्ड धारक हैं, सभी चयनित अस्पतालों में एमजेपीजेएवाई के तहत इलाज के लिए पात्र होंगे। अब मामले की सुनवाई मंगलवार को की जाएगी।
[रजिस्ट्रार (न्यायिक) बनाम भारत संघ और अन्य।]