जम्मू-कश्मीर सरकार ने न्यायिक भर्ती नियमों में किया संशोधन, नए पाठ्यक्रम में 'भारतीय न्याय संहिता' और अन्य सुधारित कानून शामिल

Amir Ahmad

13 Jun 2025 12:44 PM IST

  • जम्मू-कश्मीर सरकार ने न्यायिक भर्ती नियमों में किया संशोधन, नए पाठ्यक्रम में भारतीय न्याय संहिता और अन्य सुधारित कानून शामिल

    न्यायिक भर्ती ढांचे में एक बड़े बदलाव के तहत जम्मू और कश्मीर सरकार ने जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (न्यायिक) भर्ती नियम, 1967 में संशोधन किया, लगभग छह दशकों के बाद।

    यह संशोधन अनुच्छेद 234 के तहत उपराज्यपाल द्वारा, जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट तथा जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग से परामर्श के बाद किए गए, जैसा कि विधि, न्याय और संसदीय कार्य विभाग द्वारा जारी वैधानिक आदेश में बताया गया।

    संशोधनों की मुख्य बातें:

    न्यायिक सेवा (मुख्य) परीक्षा का पाठ्यक्रम अब व्यापक रूप से बदला गया और हाल ही में अधिनियमित आपराधिक विधियों के अनुरूप कर दिया गया।

    पेपर A:

    सामान्य ज्ञान

    भारतीय संविधान कानून

    भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS)

    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita - BNSS)

    भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (Bharatiya Sakshya Adhiniyam - BSA)

    सीमा अधिनियम, 1963 (Limitation Act)

    पेपर B:

    सामान्य वित्तीय नियम, 2017 (General Financial Rules)

    जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, 1956 (अध्याय III-XIII, XXII और XXIII)

    अधीनस्थ न्यायालयों के लिए दिशा-निर्देश (नागरिक और आपराधिक)

    हाईकोर्ट द्वारा जारी परिपत्र

    दीवानी प्रक्रिया संहिता, 1908

    संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882

    पंजीकरण अधिनियम, 1908

    जम्मू-कश्मीर आवासीय और वाणिज्यिक किरायेदारी अधिनियम, 2012

    लिखित परीक्षा अब अनिवार्य और वैकल्पिक दोनों प्रकार के प्रश्नपत्रों में होगी:

    अनिवार्य प्रश्नपत्र:

    पेपर I: अंग्रेज़ी निबंध, अनुवाद (अंग्रेज़ी से उर्दू/हिंदी व इसके विपरीत), और संक्षेप लेखन

    पेपर II: सामान्य ज्ञान और संविधान कानून

    पेपर III: BNS, BNSS और BSA (2023 की संहिताएं)

    पेपर IV:

    सामान्य वित्तीय नियम, 2017

    जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, 1956

    अधीनस्थ न्यायालयों के लिए दिशा-निर्देश (नागरिक और आपराधिक)

    उम्मीदवारों को एक सूचित सूची से तीन वैकल्पिक विषय चुनने होंगे।

    चिकित्सकीय फिटनेस से जुड़े प्रावधानों में भी संशोधन:

    हालाँकि दिशानिर्देश तय किए गए हैं, अंतिम निर्णय मेडिकल बोर्ड के विवेक पर होगा।

    उम्मीदवार का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है और उसमें कोई ऐसा दोष नहीं होना चाहिए जो उसके आधिकारिक कार्यों में बाधा डाले।

    पृष्ठभूमि:

    मूल नियम 4 जनवरी 1968 को अधिसूचित किए गए थे और तब से इनमें लगभग कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था।

    यह संशोधन न्यायिक सेवा भर्ती प्रक्रिया को समकालीन विधिक सुधारों के अनुरूप लाने का प्रयास है, विशेष रूप से 2023 में किए गए आपराधिक कानूनों के व्यापक संशोधन के परिप्रेक्ष्य में।

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