"ऑक्सीजन की भीख मांगो या चोरी करो, वरना ऑक्सीजन की कमी से हम हज़ारों ज़िंदगी खो देंगे" : दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा
LiveLaw News Network
22 April 2021 8:20 AM IST
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने दिल्ली एनसीआर के मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन की तत्काल मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नागरिक राज्य में दयनीय स्थिति में हैं। ऑक्सीजन की भीख मांगो या चोरी करो, वरना ऑक्सीजन की कमी से हम हज़ारों ज़िंदगी खो देंगे। मौलिक आपातकाल की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा।"
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की खंडपीठ बालाजी मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर द्वारा दायर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मैक्स हॉस्पिटल के विभिन्न ब्रांच जैसे साकेत, वैशाली, शालीमार बाग, पटपड़गंज और गुड़गांव में ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में तत्काल निर्देश देने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि 22 अप्रैल तक का समय दिया गया है क्योंकि औद्योगिक ऑक्सीजन पर प्रतिबंध के संबंध में तकनीकी रूप से उद्योगों को अपने संचालन को बंद करने के लिए लगभग 72 घंटे की आवश्यकता होती है।
जस्टिस सांघी ने उक्त सबमिशन पर सवाल उठाते हुए एसजीआई कहा कि ऐसी आपातकाल स्थितियों में भी यह कहना कि उद्योगों का कार्य ऐसे ही चलता रहेगा और कुछ समय के लिए भी नहीं रोका जा सकता है जब तक कि कुछ वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है। इन बातों को बेंच स्वीकार नहीं कर सकती।
एसजीआई द्वारा इस बिंदु पर उचित निर्देश लेने के लिए गुरूवार तक के लिए स्थगन की मांग की गई। इसे प्रस्तुत करते हुए दिल्ली के सीएम के बुधवार के ट्वीट के हवाले से कहा गया कि ऑक्सीजन आवश्यकताओं को पूरा किया गया है। दूसरी ओर जस्टिस रेखा पल्ली ने टिप्पणी की कि, "यह एक राष्ट्रीय आपातकाल है। आप उद्योगों को ऑक्सीजन को डाइवर्ट करने के लिए निर्देशित कर सकते हैं।"
वाहनों को दिल्ली तक पहुंचने नहीं दिया जा रहा है: दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए राहुल मेहरा ने कहा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने प्रस्तुत किया कि दिल्ली में ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कुछ बाधाएं हैं।
एडवोकेट मेहरा ने प्रस्तुत किया कि,
"बॉर्डर पर 8 घंटे लग जा रहे हैं। सही समय पर हमारे वाहन दिल्ली तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मैं जमीनी स्थिति को बता रहा हूं। मैं 140 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने के लिए केंद्रीय सरकार का आभारी हूं। हमें हर स्थिति का बारीकी से प्रबंधन करना होगा। हमें प्रत्येक वाहन के लिए लड़ना होगा। अगर हम इसे अंतिम गंतव्य तक ले जाने में असमर्थ हैं तो आवंटन अच्छा नहीं है। यहां अस्पताल कहता है कि केवल 2-3 घंटे बचे हैं। मैं राज्य के रूप में चिकित्सा वास्तविकता के खिलाफ कैसे जा सकता हूं? "
वाणिज्यिक हितों की तुलना में मानव जीवन ज्यादा महत्वपूर्ण है: बेंच ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की
न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने कहा कि,
"आज हम गंभीर तनाव में हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण हजारों लोगों की जान जा सकती है। आप यह नहीं कह सकते हैं कि हमारे पास यह नहीं है, इसलिए आप मर जाइए। हम जो आपको बता रहे हैं, उसके लिए आपको कदम उठाना होगा। आपको उद्योगों से ऑक्सीजन लेना होगा। अगर इसका मतलब है कि उन उद्योगों के लिए ऑक्सीजन का आयात बंद करना पड़ेगा, तो ऐसा ही है। हम जीवन को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते। यह असुविधाजनक हो सकता है। इसे असुविधाजनक होने दें। वाणिज्यिक हितों की तुलना में मानव जीवन अधिक महत्वपूर्ण है।"
Justice Sanghi : It is the responsibility of state to arrange. You cannot say we can arrange this much and people have to die. We cannot accept that. We cannot see people dying because oxygen is not available.#DelhiHighCourt #Oxygen #COVID19
— Live Law (@LiveLawIndia) April 21, 2021
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल द्वारा मामले को गुरूवार तक स्थगित करने के अनुरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि,
" मेहता हम कल इस मामले को कल सुन सकते हैं। लेकिन इस बीच अगर आज रात कोई किसी की जान जाती है तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी।"
एसजीआई ने जवाब दिया कि,
"मैं एक बयान दे रहा हूं। हमारे पास ऑक्सीजन आवंटित करने की जिम्मेदारी है। आवंटित ऑक्सीजन दिल्ली तक पहुंच जाएगी। यह हमारी जिम्मेदारी है। ऑक्सीजन की क्षमता 350 मीट्रिक टन है जिसे 480 मीट्रिक टन तक बढ़ाया गया है। लेकिन अस्पतालों में आंतरिक वितरण हमारी जिम्मेदारी नहीं है।"
एसजीआई ने दिल्ली के सीएम के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के संबंधित अधिकारियों को केंद्र के अधिकारी के साथ ऑक्सीजन मुद्दे को उठाना है और इस तरह के ट्वीट करने से केवल घबराहट और चिंता पैदा होगी।
उद्योग विभाग की अतिरिक्त सचिव सुनीता डावरा ने पीठ को सूचित किया कि केंद्र सरकार ने 370 मीट्रिक टन से 480 मीट्रिक टन के रूप में दिल्ली के लिए ऑक्सीजन के आवंटन को बढ़ाने के लिए एक आदेश पारित किया है।
पीठ ने इस आदेश को रिकॉर्ड में लिया। पीठ ने इस पर ध्यान देते हुए कहा कि यह उस आदेश को अंतिम रूप नहीं दे रही है जो उसने पिछले सत्र में तय किया था। उस मसौदा आदेश के अनुसार पीठ ने केंद्र को स्टील और पेट्रोलियम उद्योगों से ऑक्सीजन को दिल्ली में डायवर्ट करने का निर्देश दिया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को प्रस्तुत किया कि केंद्र सरकार दिल्ली में ऑक्सीजन टैंकरों के सुरक्षित और अबाधित मार्ग को सुनिश्चित करेगा। पीठ ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को आवंटन के आंतरिक वितरण के लिए लॉजिस्टिक कार्य शुरू करना चाहिए।
Justice Sanghi to Dawra : You have to take captive oxygen from industries. If it means that those industries have to shut till imports (of oxygen) are made, so be it. We cannot afford to lose lives. It might be inconvenient. Let it be inconvenient. #DelhiHighCourt #Oxygen
— Live Law (@LiveLawIndia) April 21, 2021
पीठ ने आदेश दिया कि,
"वकीलों को सुनने के बाद हमने एक आदेश का मसौदा तैयार किया है। हालांकि एएसजी ने निर्देश के लिए लगभग 40 मिनट की मांग की। नतीजतन हम 9.20 पर फिर से इकट्ठा हुए जब एसजी तुषार मेहता कार्यवाही में शामिल हुए।"
उद्योग विभाग की अतिरिक्त सचिव सुनीता डावरा भी कार्यवाही में शामिल हुईं। इस महामारी के मद्देनजर सुनीता देश के विभिन्न राज्यों में चिकित्सा ऑक्सीजन के आवंटन की प्रभारी हैं। सुनीता ने हमें सूचित किया कि बुधवार को ही दिल्ली के लिए ऑक्सीजन आवंटन को 370 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन कर दिया गया है और इस संबंध में निर्णय लिया गया है। सुनीता ने हमें सूचित किया कि ऑक्सीजन के स्रोतों के मैपिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जीएनसीटीडी के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि दिल्ली को बुधवार को 200-250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्राप्त हुआ है।
एडवोकेट राहुल मेहरा यह भी कहा है कि ऑक्सीजन की प्राप्ति में कुछ बाधाएं थीं जिसकी वजह से ऑक्सीजन प्राप्त करने में देरी हुई है।
कोर्ट ने कहा कि,
"सीनियर एडवोकेट तुषार मेहता ने आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार उपरोक्त आदेश के संदर्भ में दिल्ली को 480 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार दिल्ली तक टैंकरों के निर्बाध और सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करेगी। हम इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हैं। हम आशा करते हैं कि गुरूवार तक मामले की सुनवाई तक अस्पताल में COVID-19 रोगियों और अन्य लोगों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए लॉजिस्टिक कार्य शुरू करेगी। "