बीसीआई ने वकीलों की मदद के लिए गठित राष्ट्रीय राहत कोष में हेराफ़ेरी के आरोप पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन के ख़िलाफ़ जारी किया नोटिस

LiveLaw News Network

8 Aug 2020 8:45 AM IST

  • बीसीआई ने वकीलों की मदद के लिए गठित राष्ट्रीय राहत कोष में हेराफ़ेरी के आरोप पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन के ख़िलाफ़ जारी किया नोटिस

    बीसीआई ने वकीलों की मदद के लिए गठित राष्ट्रीय राहत कोष में हेराफ़ेरी के आरोप पर नई दिल्ली बार एसोसिएशन (New Delhi Bar Association) के ख़िलाफ़ जारी किया नोटिस

    बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों के लिए राष्ट्रीय राहत कोष में दी गई राशि में हेराफेरी की शिकायत के बाद नई दिल्ली बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति को नोटिस भेजा है।

    एनडीबीए की कार्यकारी समिति को कहा गया है कि वह इस नोटिस के मिलने के 21 दिनों के भीतर इसका जवाब दे। इस जवाब को जनरल बॉडी की बैठक में काउंसिल के समक्ष रखा जाएगा। यह शिकायत 31 जुलाई को आयी जिसमें एनडीबीए की कार्यकारी समिति पर राष्ट्रीय राहत कोष की राशि की हेराफेरी, धोखाधड़ी और उसे हड़पने का आरोप लगाया गया है।

    शिकायत में कहा गया है कि राष्ट्रीय राहत कोष में जमा राशि को या तो प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा किया जाना था या राज्य राहत कोश में। हालांकि, आरोप है कि ₹9 करोड़ से अधिक की राशि इस कोष से निकाल ली गई है और इसे न तो पीएम राहत कोश में और न ही राज्य राहत कोश में जमा कराया गया है।

    शिकायतकर्ता का कहना है, "उक्त राशि को निजी प्रयोग के लिए निकालना/ट्रांसफर करना ग़ैरक़ानूनी है।"

    शिकायतकर्ता ने कहा कि फंड को इस तरह निकाल लेना धोखाधड़ी है।

    उसने कहा कि चूंकि अदालतें मुक़दमादारों से इस विश्वास के साथ इसमें पैसा जमा करने को कह रही हैं कि बार एसोसिएशन इस कोष का ख़याल रख रहा होगा, इस फंड की किसी भी तरह से हेराफेरी या उस राशि का निजी कार्य के लिए प्रयोग या फिर 19/09/16 को जारी निर्देश का उल्लंघन करते हुए इस राशि को खर्च करना विश्वास तोड़ने के अपराध जैसा है।

    बार एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई की मांग करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा कि एनडीबीए के संविधान के अनुसार अध्यक्ष, सचिव या ट्रेज़र पर खाते के परिचालन की ज़िम्मेदारी है। इसलिए इन लोगों को इस फंड को निकाले जाने के लिए ज़िम्मेदार माना जाना चाहिए।

    नोट : (इस खबर में पहले त्रुटिपूर्वक नई दिल्ली बार एसोसिएशन के स्थान पर दिल्ली बार एसोसिएशन का नाम प्रकाशित हो गया था, जिसके लिए हम खेद व्यक्त करते हैंं। उक्त त्रुटि को तुरंंत ही सुधार लिया गया था।


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