बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ यूनिवर्सिटी /कॉलेज से किश्तों में फीस लेने के लिए वैकल्पिक योजना तैयार करने को कहा

LiveLaw News Network

28 July 2020 4:00 PM GMT

  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ यूनिवर्सिटी /कॉलेज से किश्तों में फीस लेने के लिए वैकल्पिक योजना तैयार करने को कहा

    बार काउंसिल ऑफ इंडिया ( BCI) ने COVID-19 महामारी के मद्देनज़र में विधिक शिक्षा केंद्रों को छात्रों की कठिनाइयों पर विचार करने के लिए एक एडवाइज़री जारी की। परिषद ने कानूनी शिक्षा के सभी केंद्रों को निम्नलिखित विशिष्ट निर्देश जारी करते हुए कानूनी शैक्षणिक संस्थानों को इन मुश्किल हालातों में छात्रों की हर संभव सहायता करने की सलाह दी है।

    पत्र में निम्न बातेंं उठाई गई हैंं

    * एक बार में फीस के भुगतान के बजाय आसान किस्तों में शुल्क के भुगतान के लिए एक वैकल्पिक लचीली योजना तैयार करेंं।

    * बिजली और बुनियादी ढांचे के रखरखाव पर आनुपातिक लागत को कम करके देय शुल्क को समायोजित करना, क्योंकि फिज़िकल रूप से क्लास लग नहीं रही हैं तो इस कारण होने वाला खर्च बचाया जा रहा है।

    * महामारी के कारण हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए फीस के भुगतान के विषय में छात्रों द्वारा किसी भी विशिष्ट अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।

    * परेशान छात्रों को मदद करने के लिए और फीस पर कोई जुर्माना नहीं लगाएं, फीस देने में असमर्थता के मामले में ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने से उन्हें वंचित न करें।

    उक्त निर्देश देश भर के छात्रों से बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्राप्त अनुरोधों की प्रतिक्रिया में जारी किये गए हैं कि कानूनी शिक्षा केंद्रों को इन समय के दौरान किश्त में फीस का भुगतान स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुल्क की मांग को पूरा करने में उनकी विफलता के परिणामस्वरूप ऑनलाइन कक्षाओं में वे सम्मिलित नहीं हो पाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप भारी मानसिक पीड़ा और कानूनी शिक्षा तक पहुंच के अवसर का नुकसान होगा।

    बुनियादी सुविधाओं की फीस, पुस्तकालय और अन्य सुविधाओं के उपयोग का कुल शुल्क माफ करने के निर्देश जारी करने का अनुरोध भी बीसीआई से किया गया है।

    छात्रों ने निवेदन किया कि महामारी के कारण, माता-पिता की आमदनी का नुकसान हो रहा है, ले-ऑफ के कारण वेतन में कमी, व्यवसायों में कमी आ रही है, इसलिए शुल्क में उचित रियायतें दी जानी चाहिए ताकि उन्हें इन कठिन समय का सामना न करना पड़े।

    उन्होंने यह भी कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं तक पहुँचने के लिए आवश्यक डेटा पैक, डेस्कटॉप / लैपटॉप की बढ़ती लागत के कारण महामारी के दौरान उनकी शिक्षा की लागत में वृद्धि देखी गई है।

    पत्र डाउनलोड करें



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