बांबिहा ग्रुप के गैंगस्टरों ने जेल में मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित करने का आरोप लगाया: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजी से जवाब मांगा

Brij Nandan

7 July 2022 9:19 AM IST

  • बांबिहा ग्रुप के गैंगस्टरों ने जेल में मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित करने का आरोप लगाया: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजी से जवाब मांगा

    बंबिहा समूह के कथित गैंगस्टर सुखप्रीत बुद्ध और अमित डागर ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और आरोप लगाया है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें पूरी तरह से अलग रखा जा रहा है जिससे उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।

    जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान की पीठ ने पंजाब राज्य और सीबीआई को नोटिस जारी किया है और एडीजीपी (जेल), पंजाब को हाईकोर्ट के वीरेश शांडिल्य बनाम भारत संघ, 2004 एससी ऑनलाइन पी एंड एच 1054 के फैसले में दिए गए निर्देशों के अनुपालन के संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।

    वीरेश शांडिल्य के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना था कि "अंडर-ट्रायल" के साथ-साथ जेल में बंद "कैदी" को भी सूचना का अधिकार है और टेलीविजन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और उन्हें सभ्य समाज की मुख्य धारा में ला सकता है। यदि टीवी देखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाता है तो यह बहुत कठोर कदम होगा और इंटरनेशनल कन्वेंशन के खिलाफ भी होगा।

    अपनी याचिका में कथित गैंगस्टरों ने दावा किया है कि राज्य सरकार उन्हें बुनियादी जरूरतों से वंचित करके उन्हें मारना चाहती है।

    उन्होंने आरोप लगाया है कि बुनियादी सुविधाओं से वंचित होने का एकमात्र कारण यह है कि पंजाब राज्य की पुलिस चाहती है कि याचिकाकर्ता मानसिक रूप से विक्षिप्त हों और अपनी मौत खुद मरें और उनकी मौत के लिए राज्य को दोषी न ठहराया जाए।

    याचिका में कहा गया,

    " याचिकाकर्ताओं को उच्च सुरक्षा वार्ड में रखा जा रहा है और उन्हें तीन घंटे को छोड़कर पूरे दिन उक्त सेल से बाहर आने की अनुमति नहीं है और उन्हें अन्य कैदियों के साथ बातचीत करने की भी अनुमति नहीं है। याचिकाकर्ताओं को अखबार, मैगजीन और किताबें उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं, जैसा कि नियमों के अनुसार किया जाना चाहिए।

    अन्य कैदियों को ऐसा करने की अनुमति होने के बावजूद उन्हें टेलीविजन देखने की भी अनुमति नहीं है। वास्तव में उन्हें पूरी तरह से अलग रखा जा रहा है जो विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है और इस अदालत और भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित कई निर्णय के खिलाफ है।"

    उल्लेखनीय है कि सुखप्रीत बुद्ध को आर्मेनिया से प्रत्यर्पित किया गया था जब उसे इंटरपोल द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जबकि अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अंबियन की हत्या में अमित डागर का नाम सामने आया था।

    उपस्थिति:

    बिपन घई, सीनियर एडवोकेट, पारस तलवार, एडवोकेट, तुशन रावल, एडवोकेट, दीपांशु मेहता, एडवोकेट, प्रभदीप सिंह बिंद्रा और ऋषभ सिंगला, एडवोकेट याचिकाकर्ताओं के लिए

    केस टाइटल: सुखप्रीत सिंह धालीवाल @ बुद्ध और अन्य बनाम पंजाब राज्य और अन्य।

    आदेश की प्रति डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें:




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