मुसलमानों के नरसंहार के कथित बयान पर बजरंग मुनि के खिलाफ 'कड़ी कार्रवाई' की मांग, सीजेपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की

LiveLaw News Network

22 Feb 2023 1:20 PM GMT

  • मुसलमानों के नरसंहार के कथित बयान पर बजरंग मुनि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग, सीजेपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की

    इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका दायर की गई है जिसमें महंत बजरंग मुनि द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नरसंहार और हिंदुओं को मुसलमानों को मारने के लिए उकसाने वाले एक कथित वीडियो का स्वत: संज्ञान लेने की प्रार्थना की गई है।

    'सिटिजंस फॉर जस्टिस एंड पीस' (सीजेपी) ने हाईकोर्ट में पत्र याचिका दायर कर के बजरंग मुनि के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य को आवश्यक दिशा-निर्देश देने की मांग की है।

    कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीशों को संबोधित पत्र याचिका में बजरंग मुनि के सोशल मीडिया पर प्रसारित एक कथित नफरत से भरे वीडियो और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नरसंहार के लिए गैरकानूनी बयानबाजी का हवाला दिया गया है ।

    याचिका में आगे कहा गया है कि कथित वीडियो में मुनि को 'हिंदू राष्ट्र' के सपने को साकार करने के लिए हिंदुओं को मुसलमानों को मारने और पूरे समुदाय को खत्म करने के लिए उकसाते हुए देखा जा सकता है। फरवरी 2023 के कथित वीडियो के हवाले से याचिका में कहा गया है कि मुनि ने निम्नलिखित टिप्पणी की है:

    “हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हमें मुस्लिम समुदाय को खत्म करना होगा। जब तक मुसलमानों का समूल नाश नहीं होगा, भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता। पूरी दुनिया जानती है कि भारत हिंदू राष्ट्र था और हम शांति से रह रहे थे, परन्तु मुस्लिम जिहादियों के कारण यह देश हिन्दू राष्ट्र नहीं रह सका। तो अब हमें अब प्रतिशोध लेना चाहिए। हम भारत के हिंदू राष्ट्र बनने का इंतजार नहीं कर सकते, हमें इसे और तेज करना होगा और यह तभी संभव है जब हम जिहादी मानसिकता वाले लोगों को खत्म कर दें।"

    पत्र में आगे कहा गया है कि यह मुनि द्वारा की गई कोई यादृच्छिक टिप्पणी नहीं है और देश भर में इस तरह के घृणास्पद भाषणों को बार-बार नफरत करने वाले अपराधियों द्वारा दिया जा रहा है।

    याचिका में कहा गया कि इस तरह के कथित वीडियो/टिप्पणियों ने भारत के अल्पसंख्यकों के लिए डर और डराने का एक सार्वजनिक माहौल बनाया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि

    " मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नरसंहार और हिंसा के लिए इस तरह के बड़े पैमाने पर आह्वान लगभग दैनिक आधार पर किए जाते हैं और वीडियो को अपराधियों द्वारा खुद सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाता है। यह दर्शाता है कि ये नफरत करने वाले अपराधी कितने बेशर्म हैं और देश के कानून के प्रति उनके मन में कितना कम सम्मान है।"

    यह मुख्य रूप से ऐसे मामलों में पुलिस की ओर से निष्क्रियता के कारण है ... हमारे संविधान की प्रस्तावना न केवल भारत के सभी लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को रेखांकित करती है, बल्कि बंधुत्व (भाईचारे और बहनचारे) को भी रेखांकित करती है।

    याचिका में हेट स्पीच के खिलाफ याचिकाओं से निपटने के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर हाईकोर्ट का ध्यान आकर्षित किया गया है । याचिका विशेष रूप से सुप्रीम कोर्ट की 13 जनवरी 2023 की टिप्पणियों को संदर्भित किया गया है, जिसमें जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने उत्तरदाताओं को निर्देश दिया था कि जब भी कोई भाषण या कोई कार्रवाई जो धारा 153ए, आईपीसी की धारा 153बी और धारा 295ए और 505 आदि जैसे अपराधों को आकर्षित करती हो, में वे "सुनिश्चित करें कि कोई शिकायत नहीं आने पर भी मामला दर्ज करें और कानून के अनुसार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वत: कार्रवाई करें।"

    याचिका में हाईकोर्ट से कथित वीडियो/घटना का स्वत: संज्ञान लेने और बजरंग मुनि के नफरत भरे भाषण के लिए कड़ी कार्रवाई करने के लिए रिट जारी करने का आग्रह किया गया है।

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