बाबा रामदेव के 'शरबत जिहाद' बयान पर हाईकोर्ट ने की तीखी टिप्पणी; दोपहर 12 बजे होगी अगली सुनवाई
Amir Ahmad
22 April 2025 6:48 AM

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव द्वारा हमदर्द के रूह अफज़ा को लेकर दिए गए 'शरबत जिहाद' बयान पर मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यह टिप्पणी न्यायालय की अंतरात्मा को झकझोर देती है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी प्रकार इसका समर्थन नहीं किया जा सकता।
जस्टिस अमित बंसल ने सुनवाई के दौरान कहा,
“यह कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोर देता है। यह किसी भी प्रकार से बचाव योग्य नहीं है।”
यह टिप्पणी उस मामले की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें हमदर्द ने बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया।
रामदेव ने हाल ही में पतंजलि का 'गुलाब शरबत' प्रचारित करते हुए दावा किया कि रूह अफज़ा से कमाया गया पैसा मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में लगाया जाता है। बाद में रामदेव ने सफाई दी कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
हमदर्द ने इस बयान के खिलाफ याचिका दाखिल करते हुए सोशल मीडिया से बाबा रामदेव के वीडियो हटाने की मांग की।
हमदर्द की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए और कहा कि यह मामला न केवल उत्पाद को नीचा दिखाने का है, बल्कि यह सांप्रदायिक विभाजन का भी मामला है। उन्होंने रामदेव के बयान को घृणा भाषण (हेट स्पीच) जैसा बताया।
रोहतगी ने कहा कि रामदेव ने 'शरबत जिहाद' जैसे शब्दों का प्रयोग कर धर्म के आधार पर हमला किया और ऐसा करके वह हमदर्द कंपनी को बदनाम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा रामदेव स्वयं प्रसिद्ध नाम हैं और अपने पतंजलि उत्पाद बेचने के लिए उन्हें किसी दूसरे उत्पाद को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं है।
रामदेव के पिछले आचरण का हवाला देते हुए रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की उन कार्यवाहियों का जिक्र किया, जिसमें रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी और उन्हें भ्रामक विज्ञापनों के लिए सार्वजनिक माफ़ी मांगने को कहा गया था।
रामदेव की ओर से प्रॉक्सी वकील कोर्ट में उपस्थित हुए और बताया कि उनके मुख्य वकील NCLAT में पेश हो रहे हैं, इसलिए सुनवाई स्थगित की जाए।
इस पर जस्टिस बंसल ने निर्देश दिया कि मुख्य वकील दोपहर 12 बजे तक कोर्ट में उपस्थित हों, नहीं तो कोर्ट बहुत सख्त आदेश पारित करेगा।