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सुप्रीम कोर्ट ने आजम खां के बेटे का निर्वाचन रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया, नोटिस जारी 

LiveLaw News Network
17 Jan 2020 7:02 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खां के बेटे का निर्वाचन रद्द करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया, नोटिस जारी 
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां का निर्वाचन रद्द कर दिया गया था।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली खां को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया लेकिन CJI बोबडे ने कहा,

" इतने उतावले मत बनिए, हाईकोर्ट का फैसला सबूतों पर आधारित है और हम इससे संतुष्ट हैं लेकिन आपने संदेह व्यक्त किया है तो इसका परीक्षण करेंगे।"

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया था निर्वाचन रद्द

दरअसल अब्दुल्ला ने विधायक का निर्वाचन रद्द किए जाने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 

जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने यह कहते हुए अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि वर्ष 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। वह 11 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित स्वार से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे।

हाईकोर्ट ने स्वार विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला के निर्वाचन को रद्द कर दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब अब्दुल्ला ने नामांकन पत्र दाखिल किया था तब वह 25 साल के नहीं थे। अपनी याचिका में काजिम अली ने कहा था कि अब्दुल्ला की वास्तविक जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 की बजाय एक जनवरी 1993 है। उन्होंने इसके लिए अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और वीज़ा पर अंकित जन्म तिथि एक जनवरी 1993 का हवाला दिया था।

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