अटॉर्नी जनरल का तोहफा: 12 लाख रुपये से अधिक कीमत की किताबें अमेरिका से केरल यूनिवर्सिटी पहुंची

Sharafat

16 May 2022 12:57 PM GMT

  • अटॉर्नी जनरल का तोहफा: 12 लाख रुपये से अधिक कीमत की किताबें अमेरिका से केरल यूनिवर्सिटी पहुंची

    केरल यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी अब पेटेंट कानून पर एक आधिकारिक किताबों से समृद्ध है। इन किताबों की कीमत 12 लाख रुपये से अधिक है, भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ये किताबें तोहफे में दी हैं, जिसके लिए यूनिवर्सिटी में उनका शुक्रिया अदा किया जा रहा है।

    डोनाल्ड एस चिसुम द्वारा लिखित पुस्तक "चिसम ऑन पेटेंट्स" ("Chisum on Patents") के 54 वॉल्यूम रविवार को तिरुवनंतपुरम में यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी मेंपहुंचे। पेटेंट कानून में सबसे उद्धृत ग्रंथ, इन किताबों की कीमत US $15,894.00 (भारतीय मुद्रा में 12 लाख रुपये से अधिक) है, जो यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी के वार्षिक बजटीय भत्ते (4 लाख रुपये) से कहीं अधिक है।

    कानून विभाग की प्रमुख डॉ सिंधु तुलसीधरन ने छात्रों के हितों को पूरा करने के लिए पुस्तक खरीदने के लिए धन जुटाने के लिए कई दरवाजे खटखटाए थे। उन्होंने सीएसआर फंड प्राप्त करने की संभावनाएं भी तलाश की। सभी प्रयास व्यर्थ जाने के बाद उन्होंने 3 मार्च, 2022 को अटॉर्नी जनरल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने किताब खरीदने के लिए उनकी मदद का अनुरोध किया।

    तीन सप्ताह बाद उन्हें एजी का जवाब मिला, जिसमें कहा गया कि किताबें खरीदने का ऑर्डर दे दिया गया है और संबंधित एजेंसी इसे विभाग को किताबें भेज देगी।

    एजी ने 26 मार्च, 2022 को डॉ. थुलासीधरन को लिखे अपने पत्र में कहा, "मुझे उम्मीद है कि छात्रों द्वारा कमेंट्री का अच्छा उपयोग किया जाएगा।" किताबें खरीदने के ऑर्डर के आधार पर वाशिंगटन में प्रकाशक, मैथ्यू बेंडर एलीट ने यह ऑर्डर नई दिल्ली भेज दिया और स्थानीय एजेंसी ने उसे यूनिवर्सिटी को सौंप दिया।

    लाइव लॉ से बात करते हुए डॉ. थुलासीधरन ने कहा कि किताबें आने पर छात्र पर रोमांचित और बहुत खुश हैं और शब्दों की कमी है कि श्री वेणुगोपाल को कैसे धन्यवाद दिया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग ने 2014 में बौद्धिक संपदा (Intellectual property) में विशेषज्ञता शुरू की थी और कई छात्रों ने शोध के लिए इन किताबों की आवश्यकता व्यक्त की थी।

    उनकी जानकारी के अनुसार वर्तमान में किसी अन्य भारतीय यूनिवर्सिटी के पास ये किताबें नहीं हैं।

    उन्होंने कहा कि एजी के जवाब को तैयार करके शेल्फ पर रखा जाएगा और यह किताब वेणुगोपाल के पिता बैरिस्टर एमके नांबियार को श्रद्धांजलि के रूप में मानी जाएंगी।

    डॉ. तुलसीधरन ने एजी को लिखे अपने पत्र में लिखा था,

    "कानून विभाग उभरते क्षेत्रों पर अनुसंधान और अंतःविषय अध्ययनों को शामिल करके अपने क्षितिज का विस्तार करने का प्रयास कर रहा है। इसके हिस्से के रूप में हम अच्छी गुणवत्ता की पुस्तकों को खरीदने का इरादा रखते हैं। यह निश्चित रूप से एक वित्तीय बोझ है और हमारे फंड कम हैं।"

    1978 में जारी Chisum on Patents, 1170 से अधिक अमेरिकी मामलों में साइटेशन के साथ सबसे उद्धृत पेटेंट है, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 14 निर्णय शामिल हैं।

    केके वेणुगोपाल ने अपनी लाइब्रेरी से दुर्लभ पुस्तकों को http://kkvlibrary.com साइट पर अपलोड करके भी जनता के लिए उपलब्ध कराया है।

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