आर्यन खान को हर शुक्रवार एनसीबी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत की शर्त में संशोधन किया

LiveLaw News Network

15 Dec 2021 8:35 AM GMT

  • आर्यन खान को हर शुक्रवार एनसीबी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत की शर्त में संशोधन किया

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को आर्यन शाहरुख खान द्वारा दायर आवेदन को मंजूरी दी। इसमें हर शुक्रवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के समक्ष पेश होने की जमानत की शर्त में संशोधन की मांग की गई थी।

    न्यायमूर्ति नितिन सांबरे ने कहा कि आर्यन खान को निर्देश दिए जाने पर एसआईटी दिल्ली के समक्ष उपस्थित होना होगा, बशर्ते 72 घंटे पहले नोटिस दिया गया हो।

    जहां तक मुंबई से बाहर यात्रा करने की शर्त का सवाल है तो कोर्ट ने कहा कि आर्यन खान को अपनी यात्रा का कार्यक्रम पहले ही जांच अधिकारी को सौंपन होगा।

    आर्यन खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा,

    "हम शुक्रवार को उपस्थिति के संबंध में जमानत की शर्त 'जे' में संशोधन की मांग कर रहे हैं। कुछ नहीं हो रहा है। जब भी वे चाहें उन्हें तलब किया जा सकता है। बॉम्बे शाखा भी एसआईटी के बाद मामले में नहीं है।"

    एनसीबी की ओर से विशेष अभियोजक श्रीराम शिरसत पेश हुए। उन्होंने कहा कि अब जांच एसआईटी दिल्ली ने अपने हाथ में ले ली है, इसलिए शर्त को इस हद तक संशोधित किया जा सकता है कि जब भी एसआईटी द्वारा आर्यन खान को बुलाया जाए, उन्हें उपस्थित होना होगा।

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने आर्यन खान और दो अन्य को 28 अक्टूबर, 2021 को जमानत दी थी और 13 जमानत शर्तें रखी थीं।

    आर्यन खान की याचिका में कहा गया है कि उनकी जमानत की शर्त में ढील दी जा सकती है क्योंकि क्रूज शिप ड्रग्स केस अब दिल्ली में एनसीबी द्वारा गठित एक विशेष जांच दल को स्थानांतरित कर दिया गया है।

    उन्होंने एनसीबी कार्यालय में अपनी उपस्थिति को चिह्नित करने के लिए भारी मीडिया उपस्थिति के कारण उनके सामने आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया है।

    एनसीबी ने कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स मामले 3 अक्टूबर को आर्यन खान और कई अन्य को गिरफ्तार किया था।

    आर्यन खान के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ था। उसके दोस्त अरबाज मर्चेंट के पास से कथित तौर पर 6 ग्राम चरस और धमेचा के पास से 5 ग्राम हशीश बरामद किया गया था।

    इन पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 8 (सी), 20 (बी), 27, 28, 29 और 35 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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