आर्यन खान रिश्वत मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सैम डिसूजा की रिट याचिका पर अंतरिम संरक्षण देने से इनकार के बाद याचिका वापस ली गई

Sharafat

27 May 2023 4:50 AM GMT

  • आर्यन खान रिश्वत मामला : बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सैम डिसूजा की रिट याचिका पर अंतरिम संरक्षण देने से इनकार के बाद याचिका वापस ली गई

    साल 2021 में आर्यन खान की गिरफ्तारी के संबंध में 25 करोड़ रुपये के जबरन वसूली मामले में आरोपी सैम डिसूजा ने बॉम्बे हाईकोर्ट के द्वारा गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद अपनी याचिका वापस ले ली।

    जस्टिस अभय आहूजा की अवकाशकालीन पीठ ने डिसूजा को अपनी सभी दलीलें खुली रखते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

    डिसूजा सत्र न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत मांग सकते हैं।

    सीबीआई ने आरोप लगाया कि डिसूजा ने केपी गोसावी के सहयोगी के रूप में गोसावी के साथ 50 लाख रुपये की रिश्वत ली, लेकिन बाद में राशि का कुछ हिस्सा वापस कर दिया। गोसावी को 2021 में कॉर्डेलिया क्रूज पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के छापे के एक स्वतंत्र गवाह के रूप में लिया गया था।

    सीबीआई की एफआईआर के अनुसार गोसावी और डिसूजा ने समीर वानखेड़े, विश्व विजय सिंह (तत्कालीन एनसीबी अधीक्षक), और आशीष रंजन (एनसीबी, मुंबई जोनल यूनिट के तत्कालीन खुफिया अधिकारी) के साथ आर्यन खान से 25 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की साजिश रची। यह बाद में 18 करोड़ रुपये पर तय हुआ। एफआईआर के अनुसार, गोसावी और डिसूजा द्वारा लिए गए 50 लाख उसी के लिए एक सांकेतिक राशि थी।

    एडवोकेट संदीप कार्णिक ने तर्क दिया कि मामले के मुख्य आरोपी एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े को बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा दी की गई है और समानता के आधार पर समान सुरक्षा की मांग की गई है। कार्णिक ने कहा कि एफआईआर में डिसूजा के खिलाफ कुछ भी नहीं है सिवाय इसके कि वह केपी गोसावी की सहायता कर रहा था।

    सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने इस आधार पर अंतरिम राहत की याचिका का विरोध किया कि डिसूजा ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर नहीं की है। पाटिल ने प्रस्तुत किया कि वानखेड़े का मामला एक अलग स्तर पर है क्योंकि वह एक लोक सेवक हैं और उन्होंने यह तर्क दिया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत उन पर मुकदमा चलाने की कोई मंजूरी नहीं थी, हालांकि, डिसूजा एक निजी नागरिक है और पाटिल ने तर्क दिया कि उसके खिलाफ जबरन वसूली के आरोप बहुत गंभीर हैं।

    अदालत ने कहा कि वानखेड़े और डिसूजा की स्थिति समान नहीं है और कोई समानता नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा कि डिसूजा की स्वतंत्रता दांव पर नहीं है क्योंकि उसके खिलाफ कोई गिरफ्तारी वारंट नहीं है।

    अदालत द्वारा डिसूजा को अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने में अनिच्छा व्यक्त करने के बाद कार्णिक ने एक या दो दिनों के लिए सुरक्षा मांगी ताकि डिसूजा याचिका वापस ले सकें और सत्र न्यायालय के समक्ष अग्रिम जमानत की मांग कर सकें। हालांकि, अदालत ने डिसूजा को बलपूर्वक कार्रवाई से कोई संरक्षण नहीं दिया।

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