अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में खुद लड़ा अपना केस, कहा- गवाही देने वाले ने BJP को 55 रुपये करोड़ का चंदा देकर "जमानत खरीदी"

Shahadat

29 March 2024 5:02 AM GMT

  • अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में खुद लड़ा अपना केस, कहा- गवाही देने वाले ने BJP को 55 रुपये करोड़ का चंदा देकर जमानत खरीदी

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने व्यक्तिगत रूप से दिल्ली की एक अदालत को संबोधित किया और कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का मिशन केवल उन्हें शराब नीति मामले में आरोपी बनाना है और केंद्रीय जांच एजेंसी आम आदमी पार्टी को कुचलना चाहती है।

    केजरीवाल ने राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष यह दलील दी, जब उन्हें छह दिन की ED रिमांड की समाप्ति पर अदालत में पेश किया गया।

    केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ED की जांच के दो उद्देश्य थे- एक, देश के सामने यह माहौल बनाना कि आम आदमी पार्टी भ्रष्ट है और उसने घोटाला किया है और दूसरा, पैसा इकट्ठा करने के लिए “जबरन वसूली रैकेट” चलाना।

    केजरीवाल ने आगे कहा,

    “असली शराब घोटाला शुरू होता है ED की जांच के बाद। जब ED की जांच शुरू होती है। ED की जांच के दो मकसद हैं। स्मोकस्क्रीन क्रिएट करना प्योर देश के सामने- AAP ने चोरी की है, AAP भ्रष्टाचारी हैं, AAP ने शराब घोटाला किया। उसके पीछे जबरन वसूली रैकेट करना जिसका जरूरी है, वो पैसे इकठ्ठा कर रही हैं।''

    इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में सरकारी गवाह सारथ रेड्डी को उनके खिलाफ बयान देने के बाद मामले में जमानत मिल गई। उन्होंने यह भी कहा कि रेड्डी ने उनकी गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 55 करोड़ रुपये का दान (चंदा) दिया।

    उन्होंने कहा,

    “सरथ रेड्डी के मामले में उसको जमानत दो वजह से मिली। एक- सरथ रेड्डी ने मेरे ख़िलाफ़ बयान दिया और दो- सारथ रेड्डी ने गिरफ्तारी होने के बाद 55 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया। उसने अपनी जमानत खरीद ली। मनी ट्रेल स्पष्ट रूप से स्थापित है। बीजेपी का अकाउंट मुझसे जुड़ गया। मनी ट्रेल स्थापित हो गया।''

    केजरीवाल ने अदालत को संबोधित करते हुए यह कहना शुरू किया कि न तो उन्हें किसी अदालत ने दोषी पाया है और न ही उनके खिलाफ कोई आरोप तय किया गया है और न ही उनके खिलाफ कोई आरोप हैं।

    उन्होंने कहा,

    “अभी तक इस मामले में सीबीआई 31,000 पेज की फाइल कर चुकी है, कोर्ट में और 194 गवाहों की जांच हो चुकी है। ED ने 162 गवाहों की जांच कर ली है और 25,000 पन्नों की फाइल कर चुकी है। सारे गवाहों और कागज़ों को मिलाके मुझे क्यों गिरफ़्तार किया गया।”

    केजरीवाल ने कहा कि सी अरविंद, वाईएसआरसीपी ओंगोल सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी (एमएसआर), उनके बेटे राघव मगुंटा और सरथ रेड्डी द्वारा दिए गए कुल 4 बयानों में उनका नाम आया।

    केजरीवाल ने कहा,

    “सी अरविंद मनीष सिसौदिया जी के सचिव थे। उनको कहा कि एक दिन मेरे घर में मेरी मौजुदगी में सिसौदिया जी ने उनको कुछ एक्साइज के दस्तावेज हैंडओवर किए। इतना ही। उन्हें तुमने नहीं कहा कि मैंने पैसे दिए। ऐसा कोई आसपास नहीं है।''

    उन्होंने आगे कहा,

    “मेरे घर में गृह मंत्री आते हैं, मंत्री आते हैं, गणमान्य व्यक्ति आते हैं अपने-अपने सचिव लेके। वो आपस में बातचीत भी करते रहते हैं, दस्तावेजों का भी आदान-प्रदान करते हैं। मुझे क्या पता क्या करते हैं। क्या मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए यह पर्याप्त कारण है? क्या आपका बयान सिटिंग सीएम को गिरफ्तार करने के लिए गिरफ्तार है?''

    एमएसआर के बयान का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 16 मार्च, 2021 को एमएसआर उनके कार्यालय में आए और फैमिली कोर्ट ट्रस्ट खोलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में कुछ जमीन मांगी।

    केजरीवाल ने आगे कहा,

    “मैंने उनको कहा कि ज़मीन हमारे नीचे नहीं आती। एलजी साहब के अंडर में आती हैं। आप मुझे चिट्ठी दे दीजिए मैं उन्हें फॉरवर्ड कर दूंगा। इतना ही। 16 सितंबर, 2022 को उनके घरे छापे होती हैं। उनसे पूछा जाता है क्या आप केजरीवाल जी से मिले। वो कहते हैं, हां मैं मिला और मैं केजरीवाल जी से अपने परिवार के ट्रस्ट की जमीन मांगने गया।''

    उन्होंने आगे कहा,

    'ED इस बयान से खुश नहीं है। 5 महीने के बाद उनके बेटे को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उसकी बकवास भी वो अपने स्टेटमेंट पर कायम रहते हैं। पर जब उनका बेटा गिरफ़्तार होता है तो बाप टूट जाता है।”

    उन्होंने कहा,

    “16 जुलाई को वो अपना स्टेटमेंट बदल देते हैं। 18 जुलाई को उनका बेटा छूट जाता है। उसके बाद उनका कोई बयान नहीं होता। बयानों पर बयान हो रहे थे, जब तक वो अपना बयान मेरे खिलाफ नहीं दे रहे थे। जैसे ही उन्हें मेरे खिलाफ बयान दिया, बेटा भी छूट गया, बयान होने भी बंद हो गए। 03 अक्टूबर को उनका माफ़ीनामा होगा। मिशन पूरा हुआ। इसका मतलब ED का मकसद केवल और केवल मुझे आरोपी बनाना है।”

    इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि मामले में ED द्वारा दायर 25,000 पन्नों में से जांच एजेंसी ने केवल उन्हीं पन्नों पर भरोसा किया है जिनमें उनके खिलाफ बयान हैं।

    उन्होंने कहा कि ED दफ्तर में रखे 1 लाख पन्ने, जो AAP की बेगुनाही का सबूत हैं, उन्हें कोर्ट के सामने नहीं रखा गया।

    उन्होंने कहा,

    “तीसरा स्टेटमेंट है, उनके [MSR] के बेटे का, राघव मगुंटा। राघव मगुंटा को जब उनके घर पर रेड होती है 16 सितंबर को उनका बयान लेके, उन्होंने वही कहा जो उनके पिता ने कहा। उसके बुरे 10 फरवरी को उनको गिरफ्तार किया जाता है। उसके बुरे उनके 5 स्टेटमेंट होते हैं, 5 स्टेटमेंट में वो वही बोलते हैं, जो पहले बोला जाता है। 5 महीने तक वो जेल में रहते हैं, उसके बुरे जब 16 जुलाई को उनके पिता जी का बयान बदलते हैं तब 18 जुलाई को उनको कॉर्ड दिया जाता है।''

    सीएम ने आगे कहा,

    “7 बयान उनके लिए मायने रखते हैं। 6 मैं वो मेरे खिलाफ नहीं बोलता। 7 में जैसे ही मेरे खिलाफ स्टेटमेंट देते हैं, उनको कॉर्ड दिया जाता है और माफ़ीनामा दिया जाता है। वो 6 स्टेटमेंट रिकॉर्ड पर नहीं लायी जाती हैं।”

    उन्होंने आगे कहा,

    “सारथ रेड्डी के मामले में 16 सितंबर को उसके यहां छापा हुआ। उसने मेरे ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोला। 9 नवंबर को उसका स्टेटमेंट लिया। उसने कुछ नहीं बोला। 10 नवंबर को उसकी गिरफ्तारी हुई। उसके 9 स्टेटमेंट होते हैं। वो मेरे ख़िलाफ़ नहीं बोलता। 6 महीने गिरफ़्तारी के बाद वो छूट जाते हैं। और वो केवल इतना कहते हैं कि मैं विजय नायर के साथ सीएम साहब से मिलने गया। सीएम साहब मुझे जल्दी दीजिए। सीएम साहब ने कहा कि विजय के साथ टच मी रहो, विजय अच्छा लड़का है।”

    ED के आरोपों पर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट (जस्टिस संजीव खन्ना) की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि AAP के गोवा चुनावों के लिए साउथ ग्रुप से हवाला चैनलों से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई, जिसमें ED का दावा "बहस का विषय" है।

    केजरीवाल ने कहा,

    “संजीव खन्ना जी कह रहे हैं। इसका मतलब ये साबित नहीं हुआ। इसका मतलब इसके लिए सबूत नहीं है। जो 100 करोड़ ये कह रहे हैं हम लोगों ने रिश्वत ली, उस रिश्वत का तो सबूत ही नहीं हैं।''

    उन्होंने आगे कहा,

    “और यही पूरी जांच का मकसद है। एक तरफ AAP को क्रश करना, स्मोकस्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से जबरन वसूली करना।'

    केजरीवाल के वकीलों और ED के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने मुख्यमंत्री को 01 अप्रैल तक ED की हिरासत में भेज दिया।

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