'आरोप बहुत गंभीर हैं': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गायों को वध के लिए ले जाने वाले आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज की

Brij Nandan

1 Jun 2023 7:42 AM GMT

  • आरोप बहुत गंभीर हैं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गायों को वध के लिए ले जाने वाले आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज की

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौसंवर्धन अधिनियम और पशु क्रूरता की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर गायों को वध के लिए ले जाने वाले आरोपी की जमानत खारिज कर दी है।

    कोर्ट ने कहा कि वो गायों को "दयनीय" स्थिति में ले जा रहा था और उसके खिलाफ आरोप "बहुत गंभीर" हैं।

    पिछले साल बजरंग दल के एक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि उन्हें इसकी सूचना मिली थी और उसने गायों को ले जा रही कार का पीछा किया था।

    ये भी आरोप था कि जब शिकायतकर्ता ने आरोपियों को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने अपने वाहन को उनकी कार से टकरा दिया और उन्हें रोकने की कोशिश में गायों को भी फेंक दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि गायों को वध के उद्देश्य से राजस्थान ले जाया जा रहा था।

    नवंबर 2022 से हिरासत में रहे आरोपी श्रीफ को जमानत देने से इनकार करते हुए जस्टिस गुरबीर सिंह ने आरोपों पर ध्यान दिया जब शिकायतकर्ता ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने अपना वाहन शिकायतकर्ता के वाहन से टकरा दिया और भाग गए।

    अदालत ने कहा,

    "शिकायतकर्ता और अन्य लोगों ने वाहन का पीछा किया। यहां तक कि शिकायतकर्ता पक्ष पर पत्थर भी फेंके गए और कथित तौर पर वध के लिए ले जाई जा रही गायों को भी शिकायतकर्ता पक्ष को उनका पीछा करने से रोकने के लिए उनके रास्ते में फेंका गया। मामले की सुनवाई अभी बाकी है।"

    अदालत ने इसी अधिनियम के तहत पहले के एक अपराध के पंजीकरण को कथित रूप से छिपाने का भी संज्ञान लिया।

    जस्टिस गुरबीर सिंह ने कहा,

    "याचिकाकर्ता के खिलाफ पहले के मामले के पंजीकरण को स्पष्ट रूप से छिपाया गया है और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इसलिए, याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर इस याचिका में राहत पाने का हकदार नहीं है कि उसने इस अदालत से एक महत्वपूर्ण तथ्य छुपाया है।"

    याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि इस मामले में चालान पेश किया गया है और उसके कब्जे से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है।

    हालांकि, जस्टिस सिंह ने कहा,

    "याचिकाकर्ता ने अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता इस स्तर पर नियमित जमानत का हकदार नहीं है।“

    केस टाइटल: श्रीफ बनाम हरियाणा राज्य

    याचिकाकर्ता की ओर से वकील आजाद खान पेश हुए।

    हरियाणा के लिए डीएजी करण शर्मा पेश हुए।

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