लखनऊ में कुत्ते के काटने से नाबालिग लड़के की मौत: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों से पैदा हुए खतरे पर स्वत: संज्ञान लिया
LiveLaw News Network
8 April 2022 10:46 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर फिरते आवारों कुत्तों से पैदा हुए खतरे पर स्वत: संज्ञान मामला दर्ज किया। हाईकोर्ट ने यह मामला एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को ध्यान में रखते हुए दर्ज किया। इस घटना में एक आवारा कुत्ते के काटने से आठ साल के लड़के की मौत हो गई थी और उसकी बहन 20 से अधिक आवारा कुत्तों द्वारा हमला किए जाने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने घटना से संबंधित मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए मामले का संज्ञान लिया। पीठ ने इस खबर को बेहद परेशान करने वाला करार दिया।
अदालत ने देखा,
"मनुष्य के लिए इस तरह से मानव जीवन को खोने से ज्यादा दर्दनाक कुछ नहीं हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आवारा कुत्तों ने भाई और बहन पर हमला किया और अपनी बहन को बचाने वाले भाई को उन्होंने मार डाला। मीडिया रिपोर्टों में घटना का विवरण किसी को भी परेशान करने की क्षमता रखता है। उक्त विवरण हमें अनियंत्रित आवारा कुत्तों के कारण पैदा हुए खतरे से संबंधित मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए मजबूर करता है।"
यह सुनिश्चित करने के लिए कि गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती मृतक की बहन को उचित मेडिकल देखभाल और उपचार दिए जाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने मुख्य मेडिकल अधिकारी, लखनऊ को उसके परिवार के सदस्यों से संपर्क करके उसे सभी मेडिकल सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के उपयुक्त विभाग में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
अदालत ने सख्ती से कहा,
"घायल बालिका को बिना किसी शुल्क के हर संभव मेडिकल उपचार दिया जाएगा। यदि कोई शुल्क हो तो उसे राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के कुलपति व्यक्तिगत रूप से लड़की को दिए जाने वाले उपचार की निगरानी करेंगे।"
अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को निम्नलिखित कदम उठाने का भी निर्देश दिया:
- जिलाधिकारी, लखनऊ को घटना से अवगत कराएं तथा आदेश में व्यक्त न्यायालय की चिंताओं से भी अवगत कराएं।
- निर्देश प्राप्त करें कि मृतक-लड़के के परिवार को आर्थिक रूप से कैसे मुआवजा दिया जा सकता है या अन्यथा ऊपर वर्णित घटना में उसकी दुखद मृत्यु के कारण मुआवजा दिया जा सकता है।
- आदेश की एक प्रति अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार, नगरीय विकास विभाग एवं पशुपालन विभाग में अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव को भी तामील करायें।
- न्यायालय की चिंताओं से राज्य सरकार को संबंधित विभागों में अवगत कराएं।
मामले के महत्व को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कोर्ट की सहायता के लिए एडवोकेट विजय दीक्षित, मोहित पांडे और अभिषेक प्रताप को भी एमिकस क्यूरी के रूप में नियुक्त किया।
इसके साथ ही अब यह मामला 19 अप्रैल, 2022 को दोबारा सुना जाएगा।
केस का शीर्षक - स्वतः संज्ञान मामला: आवारा कुत्तों से पैदा हुआ खतरा
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