ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी के विरुद्ध फेसबुक पोस्ट शेयर करने के आरोपी को मिली जमानत

Amir Ahmad

7 Aug 2025 4:10 PM IST

  • ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी के विरुद्ध फेसबुक पोस्ट शेयर करने के आरोपी को मिली जमानत

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहरुख खान नामक व्यक्ति को ज़मानत दी, जिस पर भारत-पाक तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान से माफ़ी मांगते हुए कथित रूप से एडिटिड दृश्यों वाला एक विवादास्पद फेसबुक वीडियो शेयर करने का आरोप था।

    जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना यह आदेश इस शर्त पर पारित किया कि आरोपी मुकदमे के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा और तय तारीख पर निचली अदालत में पेश होगा।

    FIR के अनुसार आरोप

    FIR में आरोप लगाया गया कि मुख्य आरोपी (अशरफ खान) ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष से संबंधित वीडियो एडिटिड करके पोस्ट किए, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को एक विमान ले जा रही गधागाड़ी के साथ दिखाया गया और पाकिस्तान से माफ़ी मांगते हुए दिखाया गया।

    वीडियो में कथित तौर पर विंग कमांडर व्योमिका सिंह को पाकिस्तानी सेना प्रमुख के सामने अपमानित होते हुए भी दिखाया गया। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी कथित तौर पर राफेल विमान पर नींबू रखते हुए दिखाया गया, जिसे बाद में पाकिस्तान द्वारा नष्ट करते हुए दिखाया गया।

    FIR में दावा किया गया कि एक और वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें पाकिस्तानी वायु सेना के जेट विमानों को भारतीय विमान को मार गिराते और प्रधानमंत्री मोदी को हवा में ही मिसाइल से उड़ाते हुए दिखाया गया।

    FIR में आरोप लगाया गया कि ये कृत्य देशद्रोही, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध भड़काने वाले और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले थे।

    जमानत की सुनवाई के दौरान 16 मई को गिरफ्तार किए गए आवेदक (शाहरुख खान) के वकील ने तर्क दिया कि उनका नाम FIR में नहीं है और मुख्य आरोप अशरफ खान से संबंधित हैं, जिन्होंने कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड की थी।

    यह तर्क दिया गया कि आरोपी पर केवल वीडियो साझा करने का आरोप लगाया गया। यह भी तर्क दिया गया कि उसका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है और उसके अकाउंट का किसी और ने दुरुपयोग किया।

    हालांकि अतिरिक्त सरकारी वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया लेकिन उन्होंने आवेदक की ओर से प्रस्तुत दलीलों पर कोई विवाद नहीं किया।

    न्यायालय का आदेश

    शुरुआत में सिंगल जज ने प्रभाकर तिवारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2020 मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि केवल कई आपराधिक मामलों का लंबित होना ज़मानत देने से इनकार करने का आधार नहीं हो सकता।

    मामले के तथ्यों और परिस्थितियों, पक्षकारों के वकीलों द्वारा प्रस्तुत दलीलों और मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना न्यायालय ने आवेदक को ज़मानत पर रिहा करने का उपयुक्त मामला पाया।

    संबंधित समाचार में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक व्यक्ति की ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी, जिस पर फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक और भड़काऊ सामग्री साझा करने और पाकिस्तान का महिमामंडन करने का आरोप था।

    जस्टिस संजय कुमार सिंह की पीठ ने कहा कि कथित पोस्ट भारतीय नेतृत्व का 'उपहास' करते प्रतीत होते हैं और राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता और अखंडता के हितों के विपरीत एक आख्यान को बढ़ावा देते हैं।

    केस टाइटल - शाहरुख खान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2025 लाइव लॉ (एबी) 297

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