इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सवालों पर दर्ज आपत्तियों का निराकरण किये बिना नीट 2020 का परिणाम घोषित करने को लेकर एनटीए को नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

20 Nov 2020 8:25 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सवालों पर दर्ज आपत्तियों का निराकरण किये बिना नीट 2020 का परिणाम घोषित करने को लेकर एनटीए को नोटिस जारी किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 13 सितम्बर 2020 को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) में पूछे गये कुछ सवालों के संबंध में याचिकाकर्ताओं द्वारा दर्ज करायी गयी आपत्तियों पर किसी तरह का निर्णय किये बिना इसके परिणाम जारी किये जाने को लेकर केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को 11 नवम्बर को नोटिस जारी किये हैं।

    न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की एकल पीठ 13 सितम्बर 2020 को आयोजित नीट - 2020 परीक्षा में शामिल सलीहा खान एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

    उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के समक्ष दलील दी कि 27 सितम्बर 2020 को नोटिस जारी करके मुख्य उत्तर पुस्तिका पर आपत्तियां आमंत्रित की गयी थी।

    इसके जवाब में याचिकाकर्ताओं ने 27 सितम्बर 2020 को ही प्रश्न संख्या 19 और 148 को लेकर आपत्तियां दर्ज करायी थी, तथा इसके लिए दो हजार रुपये की निर्धारित फीस भी जमा करायी थी।

    उसके उपरांत, यह दलील दी गयी कि याचिकाकर्ताओं की ओर से दर्ज करायी गयी आपत्तियों पर विचार किये बिना एनटीए ने 16 अक्टूबर 2020 को ही नीट का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया,

    "जबकि प्रश्न संख्या 19 और 148 के संबंध में याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों के बावजूद अंतिम उत्तर कुंजी में दोनों प्रश्नों के उत्तर में कोई बदलाव नहीं किया गया।"

    कोर्ट के समक्ष दलील दी गयी कि,

    "प्रतिवादी संख्या 4 के अनुसार, प्रश्न संख्या 19 का उत्तर 1-जी1 फेज है, जबकि याचिकाकर्ताओं के अनुसार, यह उत्तर बुकलेट नं. जी-4 का 4-एम फेज होना चाहिए। प्रश्न संख्या 148 का उत्तर 3-कोलिजन फ्रीक्वेंसी के तौर पर दिखलाया गया था, जबकि याचिकाकर्ताओं के अनुसार यह 1-रिएक्शन होना चाहिए था।"

    अंत में, कोर्ट ने केंद्र सरकार और एनटीए को नोटिस जारी किये, जिसे प्रतिवादी संख्या 1 और 3 की ओर से मामले में पेश हो रहे सहायक सॉलिसिटर जनरल आनंद द्विवेदी ने हासिल किया।

    मामले की अगली सुनवाई के लिए आगामी सोमवार यानी 23 नवम्बर 2020 की तारीख मुकर्रर की गयी है।

    केस का शीर्षक : सलीहा खान एवं अन्य बनाम भारत सरकार (गृह मंत्रालय के सचिव के जरिये) एवं अन्य

    [मिसलेनियस सिंगल नंबर 20779/ 2020]

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