इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'लॉ म्यूजियम और अभिलेखागार' का उद्घाटन किया; हाईकोर्ट परिसर में एस्केलेटर लगाया गया

LiveLaw News Network

12 Jan 2021 6:21 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लॉ म्यूजियम और अभिलेखागार का उद्घाटन किया;   हाईकोर्ट परिसर में एस्केलेटर लगाया गया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार को भारतीय न्यायिक प्रणाली से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेजों और कलाकृतियों को संरक्षित करने के लिए एक "लॉ म्यूजियम और अभिलेखागार" का उद्घाटन किया।

    इस 'लॉ म्यूजियम और अभिलोखागार' का उद्घाटन सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने किया। इन्होंने ही सितंबर 2019 में इसकी नींव रखी थी।

    न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि,

    "विधि संग्रहालय और अभिलेखागार हमारे ऐतिहासिक और न्यायिक खजाने को और अधिक सुरुचिपूर्ण तरीके से प्रस्तुत करने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही हाईकोर्ट के भीड़-भाड़ वाले परिसर से दूर यानी सुविधाजनक स्थान होने के कारण आम लोगों के लिए आसानी से सुलभ होगा और पहुंच में आसानी होगी।"

    आगे कहा कि,

    "न्यायपालिका सहित किसी भी समाज या संगठन का इतिहास प्रासंगिक है और इससे समाज और उसके सदस्यों को प्रेरणा मिलती है। यहां पर अतीत में किए गए अच्छे कार्यों और उपलब्धियों के बारे में सही जानकारी मिलेगी।"

    संग्रहालय की बात करें, तो इसमें एक प्रदर्शनी गैलरी है। यहां भारतीय न्यायिक प्रणाली से जुडें ऐतिहासिक दस्तावेज और कलाकृतियों का संग्रह है। इसके साथ ही ऑडियो-विजुअल रूम की सुविधा है। वीडियो के माध्यम ये यहां आने वाले लोगों को न्यायिक प्रणाली के इतिहास के बारे में बताया जाएगा।

    इसकी स्थापना मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर के मार्गदर्शन में और जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की अध्यक्षता वाली एक निगरानी समिति के माध्यम से किया गया है।

    न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने वर्चुल समारोह में कहा कि,

    "लॉ म्यूजियम न्यायिक पेशे में आने वाले नए लोगों को जागरूक करने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही इससे अदालतों के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।"

    इसके बाद न्यायमूर्ति मित्तल ने इलाहाबाद संग्रहालय के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और सिद्धार्थ वर्मा और विधि संग्रहालय के निर्माण की देखरेख के लिए नियुक्त समिति के सदस्यों का धन्यवाद किया।

    इसके साथ ही न्यायमूर्ति मित्तल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अजय कुमार श्रीवास्तव-I, निर्माण और डिजाइन समिति के निदेशक गुलाब चंद्र दुबे और यूपीपीडब्लूडी, प्रयागराज और अशोक कुमार द्विवेदी को बधाई दी।

    यह समारोह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश विनीत सरन और न्यायाधीश कृष्ण मुरारी, गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जस्टिस रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति विवेक कुमार, न्यायमूर्ति रजनीश कुमार, न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति कुमार पचोरी, न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी, न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल इत्यादि की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

    अपने संबोधन में, मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कहा कि,

    "नए संग्रहालय को "न्यायपालिका का राष्ट्रीय संग्रहालय" घोषित किया जाना चाहिए।"

    इस पर प्रतिक्रिया देते हुए न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा कि,

    "वह भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ इस संबंध में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।"

    बात दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के परिसर में एस्केलेटर स्थापित किए हैं। इसकी मांग काफी लंबे समय से की जा रही है, क्योंकि इलाहाबाद के सभी न्यायालय पहली मंजिल पर स्थित हैं और बॉर के वरिष्ठ सदस्यों को अक्सर सीढ़ियां चढ़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

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