इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पर पीएम नरेंद्र मोदी की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी
LiveLaw News Network
17 Feb 2022 5:54 AM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पिछले हफ्ते उस व्यक्ति को जमानत दे दी, जिस पर फेसबुक और व्हाट्सएप पर भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करने का आरोप लगाया गया था। इससे कथित तौर पर बड़े पैमाने पर लोग नाराज हो गए थे।
न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की खंडपीठ ने उसे अपराध की प्रकृति, अभियुक्त की मिलीभगत के बारे में रिकॉर्ड पर सबूत, भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के बड़े जनादेश को ध्यान में रखते हुए जमानत दी।
क्या है पूरा मामला
अनिवार्य रूप से, अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि आवेदक, छंगुर यादव ने भारत के प्रधान मंत्री की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट करके बड़े पैमाने पर जनता की भावनाओं को आहत किया।
उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 500, 501, 505, 419, 420, 468 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 डी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आगे प्रस्तुत किया गया कि प्रधान मंत्री बड़े पैमाने पर जनता के सामने राष्ट्र का चेहरा हैं। उनके खिलाफ अपमानजनक कहना मतलब देश को अपमानित करना है। इसलिए सरकारी वकील ने तर्क दिया, आवेदक किसी भी प्रकार के भोग के लायक नहीं है।
दूसरी ओर, आवेदक के वकील ने प्रस्तुत किया कि उसे वर्तमान मामले में झूठा फंसाया गया है और आवेदक का उक्त अपराध से कोई लेना-देना नहीं है और आवेदक का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
अंत में, यह तर्क दिया गया कि आवेदक 9 अक्टूबर, 2021 से जेल में बंद है, और वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है और अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा और मुकदमे में सहयोग करेगा।
आवेदक के खिलाफ लगाए गए आरोपों को झूठा साबित करने के लिए कई अन्य निवेदन भी किए गए थे। वकील के अनुसार जिन परिस्थितियों के कारण अभियुक्तों को झूठा फंसाया गया, उन पर भी विस्तार से चर्चा की गई है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले के मैरिट पर कोई राय व्यक्त किए बिना कहा कि आवेदक ने जमानत के लिए एक मामला बनाया है और इसलिए जमानत की अर्जी मंजूर की जाती है।
केस का शीर्षक - छंगुर यादव बनाम यू.पी. राज्य
केस उद्धरण: 2022 लाइव लॉ 49
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