इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खुद और अपने अधीनस्थ अदालतों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों 1 दिसंबर तक बढ़ाया

LiveLaw News Network

21 Oct 2020 7:36 AM GMT

  • Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पारित अंतरिम आदेशों की कार्रवाई को 1 दिसंबर, 2020 तक बढ़ा दिया।

    यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है क्योंकि राज्य में सीओवीडी-19 महामारी के कारण स्थिति अभी पूरी तरह से नहीं सुधरी है।

    इससे पहले हाईकोर्ट ने सभी अंतरिम आदेशों को 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया था। यह भी निर्देश दिया था कि धारा 148-A सीपीसी के तहत दायर 90 दिनों की अवधि लॉकडाउन अवधि को बाहर करेगी और जिस अवधि में अदालतों और अधिकरणों का कामकाज निलंबित या अशांत बना हुआ है ।

    इस आदेश को अब 1 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।

    पीठ ने कहा,

    " कोविड़ -19 महामारी के कारण स्थिति में पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है, इसलिए, इस अदालत की राय है कि इस अदालत द्वारा 19-08.2020 को दिए गए निर्देश को 31.10.2020 तक पहले के आदेश के प्रभाव को बढ़ाने की आवश्यकता है और तदनुसार, अंतरिम आदेश के विस्तार और यहां तक कि सीमा के लिए ऊपर उद्धृत आदेश जैसा कि उसमें दिया गया है, 01.12.2020 तक चालू और प्रभावी बनाया गया है।"

    अब कोर्ट 1 दिसंबर को स्थिति की समीक्षा करेगा।

    गौरतलब है कि हाईकोर्ट प्रदेश की कोविड स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए इसके द्वारा पारित कुछ प्रासंगिक आदेश इस प्रकार सूचीबद्ध हैं:

    · इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को प्रदेश के 5 जिलों में कोविड़ मास टेस्टिंग कराने का आदेश दिया l

    · [कोविड 19] दुकानों के लिए सख्त समय कार्यक्रम निर्धारित करेंl

    · समूह को कम करें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जनता के आंदोलन को प्रतिबंधित करने के लिए यूपी सरकार से रोड मैप मांगा

    · लोग अनलॉक-4 के को 'लापरवाही' के निर्देश के तौर पर ले रहे है : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसमिशन को रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए

    · ' लोगों को एक गलत धारणा है कि वे अब स्वतंत्र रूप से एक दूसरे के साथ मिल कर सकते है ': इलाहाबाद हाईकोर्ट सामाजिक दुरी के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों की क़ैद का सुझाव दिया।

    · "किसी भी व्यक्ति को चेहरे पर मास्क के बिना अपने घर के बाहर नहीं देखा जाना चाहिए": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा ' अगर आज कार्रवाई नहीं की गई तो हम अपनी संतानों का सामना नहीं कर पाएंगे।'

    · इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों में मास्क पहनने के लिए आगे के निर्देश जारी किए।

    · विकास प्राधिकरणों और स्थानीय नगर निगम प्राधिकरणों के अधिकार क्षेत्र के बीच संघर्ष का समाधान।

    · इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महामारी के बीच रेस्तरां/भोजनालयों को विनियमित करने के निर्देश जारी किए।

    · कोविड-19: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी से कहा- सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए एक 'निश्चित कार्यप्रणाली' तैयार करें जिससे 100% लोग मास्क पहनें l

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