इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी, लखनऊ सीपी को दो व्यक्तियों द्वारा 'अवैध रूप से बंदी' बनाई गई 15 वर्षीय लड़की को बरामद करने का निर्देश दिया

LiveLaw News Network

16 Dec 2021 5:37 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी, लखनऊ सीपी को दो व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से बंदी बनाई गई 15 वर्षीय लड़की को बरामद करने का निर्देश दिया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे धर्म के दो युवकों की अवैध हिरासत से एक हिंदू नाबालिग लड़की का पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के सुस्त रवैये पर निराशा व्यक्त करते हुए मंगलवार को डीजीपी और पुलिस आयुक्त (सीपी), लखनऊ को मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

    न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने डीजीपी और सीपी, लखनऊ को नाबालिग लड़की को बरामद करने और 23 दिसंबर को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

    अदालत का यह निर्देश 14 वर्षीय लड़की की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आया। इसमें आरोप लगाया गया कि उसकी बेटी पूनम मिश्रा का वारिस और फरीद नाम के दो व्यक्तियों ने अपहरण कर लिया है।

    मां की ओर से कहा गया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363, 366 के तहत एफआईआर दर्ज करने के बावजूद पुलिस द्वारा लड़की का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

    गौरतलब है कि कोर्ट के 27 नवंबर, 2021 के आदेश के तहत थाना पारा के एसएचओ को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से लड़की को पेश करना था, लेकिन मंगलवार को जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि लड़की की बरामदगी और दोनों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    इसे देखते हुए न्यायालय ने कहा:

    "ऐसा लगता है कि पूर्वोक्त विरोधी पक्षकार नंबर चार वारिस का 15 वर्षश की एक नाबालिग लड़की के साथ पता लगाना विरोधी पक्षकार नंबर तीन [एसएचओ, पुलिस स्टेशन- पैरा] की क्षमता से परे है या वह आदेश का पालन करने में रुचि रखते हैं।"

    इसलिए, न्यायालय ने पुलिस आयुक्त, लखनऊ आयुक्तालय और पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को उक्त वारिस की अवैध हिरासत से लड़की की बरामदगी के लिए उपयुक्त और उचित कदम उठाने और उसे 23 दिसंबर, 2021 को अदालत के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया।

    पुलिस आयुक्त, लखनऊ आयुक्तालय को वारिस से नाबालिग लड़की की बरामदगी सुनिश्चित करने और अगली तारीख को अदालत में पेश करने के मामले में एक व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

    प्रकरण का शीर्षक - पूनम मिश्रा (नाबालिग) वाया माता सीमा मिश्रा बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के माध्यम से प्रिंसिपल होम सेक्रेटरी और अन्य।

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