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सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने के आरोपियों के फोटो वाले बैनर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला

LiveLaw News Network
8 March 2020 12:04 PM GMT
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने के आरोपियों के फोटो वाले बैनर लगाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए‌) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपी व्यक्तियों की तस्वीर और विवरण वाले बैनर लगाने के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर रविवार को कार्यवाही करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा।

अदालत अपना फैसल 9 मार्च, सोमवार दोपहर 2 बजे सुनाएगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रविवार को एक विशेष बैठक में लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए‌) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपी व्यक्तियों की तस्वीर और विवरणों वाले बैनर लगाने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों की खिंचाई की ।

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की पीठ ने कहा कि कथित सीएए प्रोटेस्टर्स के पोस्टर लगाने की राज्य की कार्रवाई "अत्यधिक अन्यायपूर्ण" है और यह संबंधित व्यक्तियों की पूर्ण स्वतंत्रता पर एक "अतिक्रमण" है।

रविवार दोपहर 3 बजे, अटार्नी जनरल (एजी) राज्य की ओर से ने हाईकोर्ट में पेश हुए।

एजी ने अदालत के अधिकार क्षेत्र को यह कहते हुए विवादित बताया कि होर्डिंग्स लखनऊ में लगाए गए और इसलिए हाईकोर्ट की प्रिंसिपल बेंच को मामले में सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून तोड़ने वालों की सुरक्षा के लिए जनहित याचिकाएं दायर नहीं होनी चाहिए।

19 दिसंबर, 2019 को सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल होने पर लगभग 60 लोगों को वसूली नोटिस जारी किए गए हैं, जिनके विवरण के साथ लखनऊ प्रशासन ने शहर में प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग्स लगाए। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया। बेंच ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 मार्च, रविवार सुबह 10 बजे एक विशेष बैठक आयोजित की और राज्य को उक्त होर्डिंग दोपहर 3 बजे से पहले हटाने के निर्देश दिए।

एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि हजरतगंज क्षेत्र में मुख्य चौराहे और विधानसभा भवन के सामने सहित महत्वपूर्ण चौराहों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पोस्टर लगाए गए हैं।

अदालत ने सुबह 10 बजे की सुनवाई में कहा था कि राज्य आज दोपहर 3 बजे से पहले ऐसे सभी होर्डिंग्स हटाए और इस बारे में अदालत को 3 बजे अवगत कराए।

दोपहर 3 बजे एजी अदालत में आए और कार्यवाही के बाद बेंच ने अपना फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया।

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