इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन हिंदू संतों को 'हेट मांगर' कहने पर ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

Brij Nandan

13 Jun 2022 8:03 AM GMT

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन हिंदू संतों को हेट मांगर कहने पर ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

    इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने इस महीने की शुरुआत में एक ट्वीट के लिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी थी, जिसमें उन्होंने 3 हिंदू संतों यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को 'हेट मांगर' यानी घृणा फैलाने वाला कहा था।

    गौरतलब है कि जुबैर के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया था।

    प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए जुबैर ने यह दावा करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था कि अपने ट्वीट में उन्होंने किसी वर्ग की धार्मिक आस्था का अपमान करने का प्रयास नहीं किया है।

    उन्होंने यह भी कहा कि एफ.आई.आर. उनके खिलाफ केवल परोक्ष उद्देश्य से उत्पीड़न के लिए मामला दर्ज किया गया था, इसलिए इसे रद्द करने योग्य है।

    जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव- I की खंडपीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी और नोट किया कि पूरा मामला केवल एक समयपूर्व चरण में है और पंजीकरण की तारीख पर किए गए कुछ प्रारंभिक प्रयासों को छोड़कर मामले की जांच अभी तक आगे नहीं बढ़ी है।

    अदालत ने जोर दिया,

    "सबूत एक गहन जांच के बाद एकत्र किया जाना चाहिए और संबंधित कोर्ट के समक्ष रखा जाना चाहिए जिसके आधार पर संबंधित कोर्ट याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों पर किसी न किसी तरह से निष्कर्ष पर आ सकता है।"

    पीठ ने यह भी कहा कि मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने से प्रथम दृष्टया मामला वर्तमान चरण में बनता है और मामले में जांच के लिए पर्याप्त आधार प्रतीत होता है।

    यह आगे ध्यान दिया जा सकता है कि जुबैर के खिलाफ हिंदुत्व संगठन राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के सीतापुर जिला प्रमुख भगवान शरण ने आरोप लगाया था कि जुबैर के ट्वीट से उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया था।

    उनके द्वारा प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि 27.05.2022 को, उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल "ट्विटर" पर याचिकाकर्ता द्वारा पोस्ट किया गया एक ट्वीट देखा, जिस पर उन्होंने श्रद्धेय धार्मिक स्थल बड़ी संघट, पी.एस, खैराबाद और राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के राष्ट्रीय संरक्षक महंत बजरंग मुनि जी के खिलाफ "घृणा फैलाने वाले" शब्द का इस्तेमाल किया गया है।

    यह भी आरोप लगाया गया कि जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर हिंदू यति नरसिम्हा नर सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप का अपमान भी किया है।

    केस टाइटल - मोहम्मद जुबैर बनाम स्टेट ऑफ यू.पी. के माध्यम से प्रिं.सचिव/अतिरिक्त मुख्य सचिव एंड अन्य

    टाइटल: 2022 लाइव लॉ 291

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