इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ‘झूठी’ मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के आरोप में दो डॉक्टरों के खिलाफ एनएमसी को जांच के आदेश दिए

Manisha Khatri

3 Jan 2023 9:00 PM IST

  • Allahabad High Court

    Allahabad High Court

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (पूर्व में भारतीय चिकित्सा परिषद) को दो डॉक्टरों के आचरण की जांच करने का निर्देश देते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि उन्होंने घायल व्यक्ति के साथ मिलकर एक झूठी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की थी, ताकि आरोपियों को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया जा सके।

    जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने वीबीआरओएस अस्पताल, सहारनपुर में काम करने वाले डॉक्टरों (ललित कौशिक और इमरान) के आचरण की जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि घायल व्यक्ति को लगी चोट के संबंध में उनके द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट स्वाभाविक रूप से असंभव थी।

    गौरतलब है कि जांच के दौरान डॉ. ललित कौशिक ने बताया कि घायल को दो गोली के घाव थे, गोली का प्रवेश बिंदु बाएं निप्पल के ऊपर था और गोली का निकास बिंदु बाएं निप्पल के नीचे था। ऐसा ही बयान डॉ. इमरान ने भी दिया।

    उनके बयानों और मामले के तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने कहा कि यह स्वाभाविक रूप से असंभव था कि छाती के सामने की तरफ से घुसने वाली गोली छाती के सामने की तरफ से ही बाहर निकलने का घाव बनाएगी।

    अदालत ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ जांच का आदेश देते हुए कहा, ‘‘उपरोक्त तथ्य, प्रथम दृष्टया, वीबीआरओएस अस्पताल के डॉ. ललित कौशिक और डॉ. इमरान के आचरण के बारे में गंभीर संदेह पैदा करते हैं, जिन्होंने घायल रमन चौधरी की जांच और इलाज किया है।’’

    अदालत ने आरोपी घनश्याम पंडित को जमानत देते हुए यह आदेश पारित किया है, जिस पर पीड़ित की हत्या के इरादे से गोली चलाने का आरोप लगाया गया है।

    कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घायल व्यक्ति/पीड़ित की मेडिकल-लीगल जांच रिपोर्ट में एस.बी.डी. जिला अस्पताल, सहारनपुर (जहां पीड़ित को शुरू में भर्ती कराया गया था) ने उल्लेख किया है कि सभी चोटें साधारण प्रकृति की थी,जो किसी कठोर और कुंद वस्तु के कारण लगी थी।

    न्यायालय ने आगे कहा कि बाद में पीड़ित को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया (जहां उपरोक्त दो डॉक्टर काम करते हैं), जहां एक और रिपोर्ट तैयार की गई जिसमें उसकी छाती पर बंदूक की चोट की उपस्थिति का उल्लेख किया गया था।

    “...यद्यपि घायल ने अपने बयान में कहा कि एक गोली उसके सीने में लगी थी, एसबीडी जिला अस्पताल, सहारनपुर द्वारा तैयार घायल की मेडिकल-लीगल जांच रिपोर्ट में गोली लगने से आई किसी चोट का उल्लेख नहीं है; एसबीडी जिला अस्पताल, सहारनपुर द्वारा तैयार की गई घायल की मेडिकल-लीगल जांच रिपोर्ट में दो मांसपेशियों के गहरे घाव का उल्लेख है, जिन्होंने घायल को निगरानी के तहत रखने की सलाह दी थी; घायल को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया जहां उसे 16.06.2022 को भर्ती कराया गया और 20.06.2022 को छुट्टी दे दी गई और 29.06.2022 को तैयार किए गए मामले के सारांश में, डॉक्टर ने एक प्रवेश घाव और एक निकास घाव का उल्लेख किया है, जो दोनों छाती के सामने की तरफ बताए गए हैं।’’

    इसे देखते हुए, मामले की मैरिट को प्रभावित करने वाली टिप्पणियां किए बिना, न्यायालय ने कहा कि उपरोक्त तथ्य आवेदक को जमानत पर रिहा करने के लिए मामला बनाने के लिए पर्याप्त हैं।

    प्रतिनिधित्व

    आवेदक के वकीलः सुनील कुमार श्रीवास्तव

    प्रतिवादी पक्ष के वकीलः जीए, मोहित कुमार

    केस टाइटल - घनश्याम पंडित बनाम यूपी राज्य,आपराधिक मिश्रित जमानत आवेदन संख्या - 42581/2022

    साइटेशन- 2023 लाइव लॉ (एबी) 2

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें



    Next Story