यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे सरकारी वक़ील को इलाहाबाद हाईकोर्ट से गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत
LiveLaw News Network
2 Aug 2020 9:45 AM IST
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पुलिस को एक सरकारी वक़ील को गिरफ़्तार करने से रोक दिया जिस पर एक युवा वक़ील ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
एफआईआर ख़ारिज किए जाने की सरकारी वक़ील की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की लखनऊ खंडपीठ ने कहा,
"एफआईआर पर ग़ौर करने के बाद प्रथम दृष्टया हम इस बात से संतुष्ट हैं कि इस मामले में याचिकाकर्ता (आरोपी) को गिरफ़्तार नहीं किया जाए।…"
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के अतिरिक्त मुख्य स्थाई वक़ील शैलेंद्र सिंह चौहान पर दिल्ली की एक महिला वक़ील ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि चौहान ने अपने चेंबर में उनके साथ बलात्कार किया।
इस आरोप के आधार पर गोमती नगर क्षेत्र के विभूति खंड पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 328, 354A और 376 के तहत मामला दर्ज किया गया।
चौहान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप झूठे हैं और इसलिए इस एफआईआर को ख़ारिज कर दिया जाए।
वैसे कोर्ट ने कार्रवाई को तत्काल निरस्त करने से मना कर दिया पर उसने चौहान को गिरफ़्तारी से अंतरिम राहत दी। इस बीच मामले के मेरिट पर ज़्यादा बिना कुछ कहे कोर्ट ने शिकायतकर्ता के वक़ील को इस मामले में अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
फिर, चौहान को कोर्ट ने कहा है कि वह शिकायतकर्ता को धमकाने या उनके जीवन या संपत्ति को किसी भी तरह का नुक़सान पहुँचाने की धमकी नहीं दें।
सुनवाई के दौरान पीठ को कहा गया कि शिकायतकर्ता का सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान निचली अदालत ने रिकॉर्ड किया है पर इस बारे में पूर्ण निर्देश की प्रतीक्षा की जा रही है। फिर घटना के कथित स्थल, चौहान के चेम्बर में कुछ ज़रूरी वस्तुएँ छोड़ दी गई हैं और जाँच अधिकारी ने उन वस्तुओं को अपने क़ब्ज़े में लेने के लिए आवेदन दिया है जो लंबित है।
इन बातों को देखते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित निचली अदालत से कहा है कि वह लंबित आवेदनों पर ज़रूरी आदेश जारी करे ताकि जांच एजेंसी उन वस्तुओं को अपने क़ब्ज़े में ले सकें जो इस मामले के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
सावधानी के लिए, इस बारे में उचित आदेश जारी किया जाए ताकि सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जा सके, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा।
अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त 2020 को होनी है।
केस का विवरण :
केस : शैलेंद्र सिंह चौहान बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य
केस नंबर : Misc. Bench No. 12149/2020
कोरम : न्यायमूर्ति एआर मसूदी एवं राजीव सिंह
पेशी : याचिकाकर्ता के वकील ललित किशोर पांडे और सुशील कुमार सिंह और प्रतिवादी के वक़ील आदित्य विक्रम शाही
डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें